LOCKDOWN का असर, हवा हुई इतनी साफ कि जालंधर से दिखने लगा हिमाचल का धौलाधार पर्वत
नई दिल्ली। एक तरफ जहां वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में हजारों लोगों की मौत का कारण बना हुआ है वहीं, दूसरी ओर कई देशों में लॉकडाउन के चलते हवा की गुणवत्ता में काफी सुधार देखने को मिला है। भारत में भी कोरोना वायरस को देखते हुए 21 दिनों का देशव्यापी लॉकडाउन लागू किया गया है। इसका असर यह हुआ कि अन्य देशों के मुकाबले भारत में कोरोना की रफ्तार धीमी रही, साथ ही हवा में प्रदूषण, धूल-मिट्टी और धुएं का गुबार भी कम हुआ है।
प्रकृति को हुआ लॉकडाउन का सबसे ज्यादा फायदा
इसका नतीजा यह हुआ कि हिमाचल प्रदेश में हिमालय पर्वत की धौलाधार रेंज के पहाड़ अब पंजाब के जालंधर से भी नजर आने लगे हैं। कुल मिलाकर लॉकडाउन का सबसे ज्यादा फायदा पर्यावरण को ही हुआ है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हिमाचल प्रदेश में धौलाधार पर्वत श्रृंखला कांगड़ा और मंडी जिले के बीच फैली हुई है जहां हर साल लाखों की संख्या में सैलानी पहुंचते हैं।
COVID-19 रोगियों की संख्या 10 लाख पार
भारत में COVID-19 के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है जो सरकार के लिए चिंता का विषय है। दुनिया भर में COVID-19 रोगियों की संख्या 10 लाख के आंकड़े को पार कर गई है, भारत सहित कई देशों ने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन लागू किया है। इस समय दुनिया की एक तिहाई मानवता प्रभावी रूप से अपने घरों तक ही सीमित है। भारत में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है क्योंकि महानगरों में लॉकडाउन ने कारों को सड़क और बंद कारखानों से दूर रखा है।
दिल्ली, मुंबई की हवा में भी काफी सुधार
देश की राजधानी दिल्ली जहां हवा की गुणवत्ता बहुत ही खराब रहती है वहां भी पिछले हफ्ते AQI 95 से नीचे दर्ज किया गया। मुंबई के प्रदूषण में भी इसी तरह की कमी देखी गई है। वहीं, पंजाब में लॉकडाउन के साथ ही कर्फ्यू भी लागू है जिस वजह से वहां की हवा में जबरदस्त सुधार देखने को मिला है। इसके अलावा भारत के कई अन्य राज्य प्रकृतिक रूप से ग्रीन जोन में आ गए हैं और ऐसा शायद सालों में पहली बार हुआ है।
0-50 के बीच AQI होता है सबसे अच्छा
CPCB के दिशानिर्देशों के अनुसार AQI अच्छा है यदि इसका मान 0-50 के बीच है और इसका पर्यावरण पर न्यूनतम प्रभाव है, इसे 'गहरे हरे क्षेत्र' के रूप में जाना जाता है। 51 से 100 के बीच AQI जिससे संवेदनशील लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है, संतोषजनक माना जाता है और इसे 'हल्के हरे रंग के क्षेत्र' में रखा जाता है। यदि AQI 101 से 200 के बीच है, तो इसे मध्यम कहा जाता है और इससे अस्थमा और हृदय रोगों से लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
अब घर बैठे देख सकते हैं पर्वत श्रृंखला
बता दें कि धौलाधार को 'सफेद पर्वत' के नाम से भी जाना जाता है, इनकी ऊंचाई 3,500 मीटर से लेकर लगभग 6,000 मीटर तक है। रेंज कुल्लू में ब्यास नदी के किनारे से मंडी की ओर मोड़ती है। इसके बाद यह उत्तर की ओर बारभांगल से होकर गुजरती है और पीर पंजाल श्रेणी में मिलती है जिसके बाद यह चंबा में चली जाती है। इन पहाड़ों को देखने के लिए पर्यटक दूर-दूर से धर्मशाला पहुंचते हैं। अब हवा साफ होने के बाद पंजाब के लोग अपने घरों से इस पर्वत श्रृंखला को देख सकते हैं।
यह भी पढ़ें: गुजरात का पहला कोरोना पॉजिटिव मरीज पूरी तरह ठीक होकर लौटा, उसके सारे सैंपल निगेटिव आए