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Lockdown: 'शर्म करो नीतीश कुमार' के बाद प्रशांत किशोर ने क्यों दी CM को शाबाशी

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नई दिल्ली- नागरिकता संशोधन कानून बनने के समय से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले प्रशांत किशोर के सुर अचानक बदले-बदले नजर आ रहे हैं। उन्हें भारी विवाद के बाद नीतीश ने अपनी पार्टी से बाहर का दरवाजा दिखाया था। यही वजह है कि जब कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन की घोषणा हुई और देश के कई हिस्सों में बिहार के लोगों के फंसे होने और तकलीफों की खबरें सामने आईं तो किशोर को फिर मौका मिल गया। उनके कथित फैंस की ओर से 'शर्म करो नीतीश कुमार' की मुहिम छेड़ दी गई। लेकिन, जब बिहार सरकार ने प्रदेश के ऐसे लाचार लोगों की मदद के लिए 100 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की तो नीतीश के पुराने मंत्री ने उनकी तारीफ करनी भी शुरू कर दी।

'शर्म करो नीतीश कुमार' के बाद शाबाशी

'शर्म करो नीतीश कुमार' के बाद शाबाशी

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पुराने सहयोगी प्रशांत किशोर ने कोरोना संकट के वक्त गरीबों और मजदूरों के लिए 100 करोड़ रुपये के राहत पैकेज के ऐलान के लिए अपने पुराने बॉस की तारीफ की है। दो दिन पहले ही इस मुद्दे पर राजनीतिक रणनीतिकार के तौर पर अपनी पहचान बनाने वाले किशोर ने नीतीश को इसी बात के लिए खूब सुनाया था। अब उन्होंने नीतीश सरकार की ओर से लॉकडाउन से प्रभावित हुए लोगों की ओर मदद का हाथ बढ़ाने की सराहना की है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा है, 'जनता के आक्रोश के बाद आखिरकार बिहार सरकार ने दिहाड़ी मजदूरों और लॉकडाउन की वजह से भारत भर में फंसे गरीबों की मदद के लिए नए उपायों की घोषणा की है। इसमें मुख्यमंत्री राहत कोष से 100 करोड़ रुपये का अतिरिक्त फंड भी शामिल है। जरूरतमंदों की आवाज सुनने के लिए सभी को धन्यवाद, नीतीश कुमार जी को भी।'

'शर्म करो नीतीश कुमार' की चलाई मुहिम

'शर्म करो नीतीश कुमार' की चलाई मुहिम

इससे पहले प्रशांत किशोर फैंस के नाम के एक ट्विटर हैंडल पर 'हैसटैग नीतीश कुमार शर्म करो' का एक अभियान चलाया गया था। उस दौरान किशोर ने लिखा था, "दिल्ली और अन्य कई जगहों पर बिहार के सैकड़ों गरीब लोग लॉकडाउन की वजह से फंसे हुए हैं। नीतीश कुमार जी, जब दुनिया भर की सरकारें अपने लोगों की मदद कर रही हैं, बिहार सरकार इन लोगों को इनके घरों तक पहुंचाने अथवा जहां ये लोग हैं, वहीं कुछ फौरी राहत की व्यवस्था क्यों नहीं कर रही है? गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से 25 मार्च से पूरे देश में 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा के बाद देश के अन्य इलाकों में काम कर रहे बिहार के मजदूरों की परेशानी भरी तस्वीरें आई थीं। उसी के बाद से प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री को निशाना बनाना शुरू किया था। बता दें कि बिहार में भी अब तक कोरोना वायरस के 6 मरीज सामने आ चुके हैं और कतर से लौटे 38 साल के एक शख्स की पटना एम्स में मौत भी हो चुकी है।

नीतीश ने पार्टी से निकाला था

नीतीश ने पार्टी से निकाला था

इससे पहले नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जेडीयू से अलग लाइन लेने और उसको लेकर लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ बयानबाजी के चलते जनवरी में किशोर को पार्टी से निकाल दिया गया था। जबसे वे जेडीयू से बाहर हुए हैं, उनके निशाने पर लगातार नीतीश कुमार रहे हैं और वो उन्हें लपेटने का कोई सियासी मौका नहीं छोड़ते। लेकिन, जेडीयू से बाहर होने के बाद ऐसा पहला मौका आया है, जब उन्होंने नीतीश कुमार के कदम की खुलकर तारीफ की है।

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English summary
Why did Prashant Kishore praise CM after 'shame on Nitish Kumar'?
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