वरिष्ठ वायरोलॉजिस्ट की चेतावनी, लॉकडाउन के दौरान संक्रमण से बचाने के इंतजाम नहीं किए गए तो....
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को काबू में करने के लिए 21 दिन के लॉकडाउन का ऐलान किया गया है। इस दौरान लोगों से सामाजिक दूरी बनाए रखने की अपील की जा रही है। वायरोलॉजिस्ट, पूर्व प्रमुख, सेंटर फोर एडवांस्ड रिसर्च इन वायरोलॉजी, आईसीएमआर के टी जैकब जॉन का इसपर कहना है कि लॉकडाउन तभी सफल होगा जब कोरोना वाररस से संक्रमित लोगों की पहचान कर उन्हें आइसोलेट किया जाए।
टी जैकब जॉन का कहना है कि पीएम मोदी द्वारा देश में घोषित 21-दिन का लॉकडाउन कोविड -19 के प्रकोप को धीमा करने में मदद करेगा। लेकिन, यदि इस अवधि का उपयोग इस समस्या से निपटने के लिए नहीं किया गया इसका उद्देश्य पूरा नहीं होगा। एक इंटरव्यू के दौरान टी जैकब ने सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदम के संदर्भ में कहा कि सरकार शायद आश्वस्त थी कि सब कुछ नियंत्रण में है। उन्होंने सोचा कि वे जो भी आवश्यक है कर सकते हैं क्योंकि उन्होंने पहले सारे इंतजाम कर लिए हैं।
उन्होंने कहा, 'वे (सरकार) इस लड़ाई में सार्वजनिक-निजी भागीदारी के लिए तैयार नहीं थे। इस महामारी से लड़ने के लिए सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों के पर्याप्त होने का अनुमान लगाया गया था। यह हमारे दृष्टिकोण का दोष था कि हम सार्वजनिक-निजी भागीदारी को अमल में नहीं लाए, तब जबकि हमारे पास एक बड़ा निजी क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि हेल्थकेयर के पास टेस्टिंग की आवश्यकताएं भी हैं।
जैकब ने आगे कहा, 'लोगों को समस्या के हिस्से के रूप में चित्रित किया गया है। क्या आपने जनता को बताया कि यह एक राष्ट्रीय आपातकाल है? क्या आपने उन्हें उन मामलों की अनुमानित संख्या के बारे में बताया है जिन्हें हम आने वाले दिनों में देखेंगे, आईसीयू में उपलब्ध बेड की संख्या या कमी, पीपीई उपकरणों की कमी, मास्क या वेंटिलेटर की उपलब्धता? ऐसी कई बातें हैं, जिन्हें जनता को ईमानदारी से बताने की जरूरत है।'
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के जरिए कोरोना वायरस के प्रसार को धीमा करना है। इस महामारी के असर को कम करने के लिए लोगों से तीन हफ्ते लिए गए हैं। क्या आपको नहीं लगता कि देश में कुछ संक्रमित लोग हैं जिनके बारे में अभी भी पता नहीं चला है? वे अपने परिवारों में होंगे, वे अपने माता-पिता, दादा-दादी, पत्नी और बच्चों में संक्रमण फैला रहे होंगे। क्या उन्हें कुछ बताया गया है? यदि नहीं, तो इन 21 दिनों के दौरान इन छोटे परिवारों में बहुत से लोगों को संक्रमण हो सकता है।
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जैकब ने कहा कि क्या लोगों को बताया गया है कि वायरस के लक्षण दिखाई देने पर उन्हें जांच के लिए किससे संपर्क करना चाहिए। कर्फ्यू की स्थिति में उनके सैंपल कैसे एकत्र किए जाएंगे? अगर ये सब बताया गया है और इसका पालन किया गया तो ये 21 दिन कम्युनिटी में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने अत्यधिक प्रभावी होंगे। उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो 22वें दिन, कम्युनिटी में इसका प्रसार फिर से शुरू हो जाएगा। फिर, अगले तीन सप्ताह में आप इस संख्या में भारी वृद्धि देखेंगे।