Lockdown: जानिए, 7 घंटे की मैराथन मीटिंग में PM मोदी ने मुख्यमंत्रियों को दिए क्या सुझाव?
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्रियों के बीच सोमवार को हुई मैराथन बैठक में लॉकडाउन को क्रमबद्ध तरीके से हटाने को लेकर गहन चर्चा हुई। चूंकि प्रधानमंत्री और सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच आहूत मैराथन मीटिंग का मुख्य मुद्दा लॉकडाउन था, जिस पर लगभग 7 घंटे तक मीटिंग चली और इस बीच बैठक में शामिल सभी सीएम को बोलने का मौका दिया गया। बैठक सोमवार दोपहर 3 बजे शुरू हुई थी, जो रात 9.30 बजे तक खिंच गई।
बैठक के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि बदलते परिदृश्य में लॉकडाउन में क्रमबद्ध छूट को लेकर एक नई योजना बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सभी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए, हमारे पास अब दोहरी चुनौती है,जिसमें ट्रांसमिशन दर को कम करना और क्रमबद्ध तरीके से सार्वजनिक गतिविधि को बढ़ाना शामिल है। लगभग 7 घंटे तक चले इस मैराथन मीटिंग में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी हिस्सा लिया।
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मैराथन मीटिंग में प्रधानमंत्री मोदी ने सभी प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को ब्लूप्रिंट के साथ आने के लिए कहा और यह भी कहा कि धीरे-धीरे ही सही, लेकिन निश्चित रूप से आर्थिक गतिविधियों को शुरू करना है और प्रक्रिया को आने वाले दिनों में और बढ़ाना होगा। पीएम ने कहा कि अब विश्व युद्धों के मामले में दुनिया प्री-कोरोना और पोस्ट-कोरोना मोड में होगी, जो भविष्य में हमारे काम करने के तरीके को निर्धारित करेगी।
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15 मई तक सभी प्रदेशों के मुख्यमंत्री एक विस्तृत रणनीति साझा करें
पीएम ने सभी प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों से अनुरोध किया कि वे 15 मई तक एक विस्तृत रणनीति साझा करें कि कैसे प्रत्येक राज्य लॉकडाउन स्थितियों से निपटेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा, मैं चाहता हूं कि लॉकडाउन के क्रमिक ढील के दौरान और बाद में विभिन्न बारीकियों से निपटने के लिए राज्यों को एक खाका बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जीवन जीने का नया तरीका "जन से लेकर जग तक" सिद्धांत पर होगा, जो एक व्यक्ति से संपूर्ण मानवता के लिए होगा।पीएम ने सभी प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों से अनुरोध किया कि वे 15 मई तक एक विस्तृत रणनीति साझा करें कि कैसे प्रत्येक राज्य लॉकडाउन स्थितियों से निपटेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा, मैं चाहता हूं कि लॉकडाउन के क्रमिक ढील के दौरान और बाद में विभिन्न बारीकियों से निपटने के लिए राज्यों को एक खाका बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जीवन जीने का नया तरीका "जन से लेकर जग तक" सिद्धांत पर होगा, जो एक व्यक्ति से संपूर्ण मानवता के लिए होगा।
वायरस से लड़ने के लिए सबसे बड़ा हथियार सोशल डिस्टेंसिंग ही हैः पीएम
पीएम ने कहा, हम सभी को बदले हुए परिदृश्य की योजना बनानी चाहिए। जैसा कि हम धीरे-धीरे लॉकडाउन हटाने की की सोच रहे हैं, फिर भी हमें लगातार यह याद रखना चाहिए कि जब तक हम एक टीका या एक समाधान नहीं ढूंढ लेते हैं, तब तक वायरस से लड़ने के लिए हमारे साथ सबसे बड़ा हथियार सोशल डिस्टेंसिंग ही है। प्रधान मंत्री ने दो गज की दूरी की महत्व की पुष्टि करते हुए उन्होंने कहा कि कई सीएम द्वारा उठाए गए रात के कर्फ्यू के सुझाव से निश्चित रूप से लोगों में सावधानी की भावना पुन: पुष्टि होगी।
लॉकडाउन में ढील के दौरान विभिन्न बारीकियों से प्रत्येक राज्य कैसे निपटेंगे?
आखिर में प्रधानमंत्री ने कहा, मैं आप सभी से 15 मई तक एक व्यापक रणनीति साझा करने का अनुरोध करता हूं कि आप सभी में से हर कोई अपने विशेष राज्यों में लॉकडाउन स्थिति से कैसे निपटना चाहता है। मैं चाहता हूं कि प्रत्येक राज्य एक ब्लू प्रिंट बनाए कि वो लॉकडाउन में क्रमिक ढील के दौरान और बाद में विभिन्न बारीकियों से कैसे निपटेंगे। प्रधान मंत्री ने आगे कहा, हमें सामने आने वाली विभिन्न चुनौतियों से निपटने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता होगी, क्योंकि मानसून की शुरुआत के साथ कई गैर-COVID19 रोगों का प्रसार होगा, जिसके लिए हमें अपनी चिकित्सा और स्वास्थ्य प्रणालियों को तैयार और मजबूत करना होगा।