संघ के इतिहास में पहली बार RSS प्रमुख मोहन भागवत करेंगे ऑनलाइन संबोधन
नई दिल्ली। कोरोनावायरस के संकट के बीच देश ही नहीं दुनिया भर में लॉकडाउन के बीच कई इतिहास रचे और अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक (आरएसएस ) में भी एक नया इतिहास रचने जा रहा हैं। दरअसल, आरएसएस के संघचालक डाक्टर मोहन भागवत 26 अप्रैल रविवार शाम पांच बजे स्वयंसेवकों को पहली बार ऑनलाइन संबोधित करेंगे। संघ ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि डाक्टर भागवत वर्तमान परिदृश्य एवं हमारी भूमिका विषय पर अपनी बात रखेंगे। इसे यूट्यूब और आरएसएस के फेसबुक पेज पर सुन सकते हैं।
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आरएसएस में पहली बार होगा संघ प्रमुख का ऑनलाइन संबोधन
बता दें देश में कोरोना संकट के बीच आरएसएस धर्म व जाति का बिना कोई भेद किए लोगों की हर तरह से मदद कर रहे हैं। संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों के अनुसार, संघ के इतिहास में यह पहला मौका है जब किसी आभासी मंच के माध्यम से इसके प्रमुख अपना भाषण देंगे। संघ ने एक ट्वीट में कहा कि भागवत 26 अप्रैल को शाम पांच बजे संघ प्रमुख मोहन भागवत वर्तमान परिदृश्य को देखते ऑनलाइन संबोधन में बौद्धिक वर्ग को संबोधित करेंगे।
आरएसएस ने ट्वीट कर दी ये जानकारी
इन कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाने एवं वर्तमान स्थिति पर संघ की बात रखने के लिए आरएसएस के सरसंघचालक डाक्टर मोहन भागवत ऑनलाइन संबोधित करेंगे। संघ ने लिखा है कि आप सभी को परिवार के सदस्यों और शुभचिंतकों के साथ इस सत्र में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया जाता है। संघ के सूत्रों ने कहा कि यह संबोधन इस संकट से निपटने के उपायों पर केंद्रित होगा
कोरोना वायरस से बचने का एक ही उपाय है वो है सोशल डिस्टेंसिंग
गौरतलब हैं कि इससे पहले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में सामाजिक दूरी को जरुरी बताया था और स्वयंसेवको से देश में फैली इस अदृश्य बीमारी से लड़ने का संकल्प लिया था। उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं से कहा था कि इस संकट के घड़ी में वह सामाजिक अनुशासन का पालन कर मिसाल पेश करें। भागवत ने कहा कि इस समय पूरी दुनिया एक ऐसे संकट से जूझ रही है जिससे बचने का एक ही उपाय है वो है सोशल डिस्टेंसिंग। भागवत ने कहा कि इस लड़ाई में समाज द्वारा नियमों का पालन अहम बात है।
38 लाख लोगों को खाना पहुंचा रहे आरएसएस कार्यकर्ता
सारा देश आज वैश्विक संकट कोरोना वायरस से उत्पन्न चुनौती का सामना करने में जुटा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक भी समाज के साथ मिलकर अपना योगदान दे रहे हैं। पूरे देश में संघ के तीन लाख से अधिक कार्यकर्ता 3.10 करोड़ लोगों को भोजन एवं 38 लाख से अधिक परिवारों में कच्चा राशन पह़ुंचाने का काम कर चुके हैं। म्यांमार व बांग्लादेश सीमा से लेकर पाकिस्तान सीमा व जम्मू से लेकर कन्याकुमारी तक संघ की ओर से 46000 से अधिक राहत कैंप खोले गए हैं। इस संकट की घड़ी में आरएसएस धर्म व जाति का बिना कोई भेद किए लोगों की हर तरह से मदद कर रहे हैं।
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