Lockdown: एसोचैम ने कहा, अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए चाहिए 15 लाख करोड़ का राहत पैकेज
नई दिल्ली। लॉकडाउन के बाद डगमगाती अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कारोबारी जगत ने सरकार से बड़े राहत पैकेज की मांग की है। उद्योग संघ एसोचेम ने भारत सरकार से 200 बिलियन डॉलर, 15 लाख करोड़ से ज्यादा के राहत पैकेज की मांग की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक सिफारिशी पत्र में एसोचैम के अध्यक्ष डॉ निरंजन हीरानंदानी ने लॉकडाउन को देखते हुए अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए सुझाव भी दिए हैं।
एसोचैम ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए कम से कम 200 अरब डॉलर की प्रोत्साहन राशि की आवश्यकता है। अगले 3 महीनों में 50-100 अरब डॉलर एकमुश्त नकद की आवश्यकता है, यह नकदी नौकरियों और आय के नुकसान की भरपाई करने के लिए होगी। साथ ही सरकार को जीएसटी में 3 महीने के लिए 50 फीसदी और वित्तीय वर्ष के लिए 25 प्रतिशत कम करने पर विचार करना चाहिए।
उद्योग संगठन सीआईआई ने भी सरकार को दिये सुझाव में आर्थिक पैकेज की मांग की। इसके तहत सीआईआई ने कहा कि असंगठित क्षेत्र के लोगों को नकद धन हस्तांतरण के जरिए अतिरिक्त मदद दी जानी चाहिये। संगठन ने पूरे उद्योग जगत के लिये परिचालन पूंजी के कर्ज की सीमा बढ़ाने तथा एमएसएमई व संकटग्रस्त क्षेत्रों के लिये 20 प्रतिशत तक की ऋण भुगतान चूक पर सरकारी गारंटी और ऋण पुनर्गठन सुविधा का सुझाव दिया है।
फिक्की ने गरीबों तथा अनौपचारिक क्षेत्र के कामगारों की मदद के लिये राज्यों को एक लाख करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि देने का सुझाव दिया। फिक्की ने 500 करोड़ रुपये से अधिक के टर्नओवर वाले एमएसएमई को एक साल के लिए बिना सुरक्षा के ब्याजमुक्त कर्ज देने का भी सुझाव दिया है।
पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने जीडीपी के कम से कम पांच प्रतिशत के बराबर यानी 11 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की मांग की है। उन्होंने कहा कि सरकार पहले ही दो लाख करोड़ रुपए का पैकेज दे चुकी है। हमें अब विभिन्न उपायों के जरिये नौ लाख करोड़ रुपए के अतिरिक्त पैकेज की उम्मीद है।
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