रिहाई के बाद लगे लॉकडाउन को लेकर लोगों ने किया ट्रोल, तो उमर अब्दुल्ला ने दिया ये जवाब
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के मद्देनजर पूरे देश में लॉकडाउन का ऐलान कर दिया गया है। पीएम मोदी ने मंगलवार को इसकी घोषणा करते हुए कहा कि ये लॉकडाउन 21 दिन का होगा। कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सरकार ने ये कदम उठाया है। वहीं, लॉकडाउन के कुछ घंटे पहले ही नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला रिहा हुए थे, जिसको लेकर सोशल मीडिया पर यूजर्स ने उनको ट्रोल करना शुरू कर दिया।
उमर अब्दुल्ला हुए ट्रोल
सोशल मीडिया पर यूजर्स उमर अब्दुल्ला को ट्रोल करने लगे कि 8 महीने से वे नजरंबद थे और जब रिहा हुए तो पूरे देश में लॉकडाउन का ऐलान कर दिया गया, ऐसे में उनको फिर घर में ही रहना होगा। इसी तरह के एक मीम पर उमर अब्दुल्ला ने रिएक्ट किया और कहा, 'ये गंभीर और भयावह वक्त है, इसलिए ऐसे छोटे-छोटे मजाक दुख नहीं पहुंचाते।' जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला मंगलवार को ही नजरबंदी से रिहा किए गए।
उमर अब्दुल्ला ने सरकार से की ये मांग
रिहा होने के बाद उमर अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार को राज्य में मोबाइल इंटरनेट फिर से शुरू कर देना चाहिए ताकि लोगों को कोरोना वायरस के बारे में जानकारी मिल सके। उन्हें पता लग सके कि इस महामारी से बचने के लिए उन्हें क्या-क्या सावधानियां बरतनी हैं। अब्दुल्ला ने कहा कि इस वक्त देश के लोग एक जंग लड़ रहे हैं जो जिंदगी और मौत से जुड़ी है। उमर अब्दुल्ला ने सरकार से मांग की और कहा कि बाकी बंदियों को भी रिहा कर दिया जाए।
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8 महीने बाद रिहा हुए हैं उमर अब्दुल्ला
बता दें कि 13 मार्च को उमर के पिता और नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुखिया फारूक अब्दुल्ला को भी रिहा कर दिया गया था। उमर को शुरुआत में सीआरपीसी के सेक्शन 107 के तहत हिरासत में रखा गया था। इस कानून के तहत किसी को भी शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए हिरासत में रखा जा सकता है। उनकी हिरासत की अवधि फरवरी 2020 में खत्म होने वाली थी। ठीक इससे पहले ही सरकार ने उन पर पब्लिक सेफ्टी एक्ट (पीएसए) लगा दिया। इस एक्ट के तहत किसी को भी दो साल तक बिना ट्रायल के कैद में रखा जा सकता है।