कश्मीर में लॉकडाउन के बीच अपनों को कॉल करने के लिए लोगों की लगी लंबी कतार
श्रीनगर: कश्मीर घाटी में जारी लॉकडाउन के बीच श्रीनगर के एक सरकारी कार्यालय में लोगों में गुस्सा और राहत दोनों नजर आए। ये लोग राज्य से बाहर अपने रिश्तेदारों और परिवार के सदस्यों को फोन करने के लिए आए थे। कश्मीर घाटी में लॉकडाउन को पांच दिन गुजर गए हैं। यहां टंकीपोरा कार्यालय में काम करने वाले तीन अधिकारियों के निजी मोबाइल हेल्पलाइन में बदल दिए गए हैं।
अपनों को कॉल करने के लिए लंबी कतार
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक इसके बाद यहां स्थानीय लोगों का हुजुम उमड़ पड़ा। कुछ लोगों ने अपनी बारी के लिए यहां 6 घंटे से अधिक का इंतजार किया। प्रशासन ने स्थानीय केबल चैनलों पर तीन नंबर सांझा किए थे। अपने परिवार वालों को कॉल करने आए लोगों को कागज की पर्चियों के रूप में टोकन सौंपे गए थे। 200 से अधिक लोगों ने सुबह 9 बजे रजिस्ट्रेशन करवाया था। इनमें से दोपहर बारह बजे तक केवल 23 लोगों ने बात की थी। स्थानीय दुकानदार फिरोज अंसारी ने द हिंदू की रिपोर्टर विजेता सिंह से कहा कि आप गिनती कर सकते हैं कि हमें कितनी देर और रुकना है। सीएल विसेन के परिवार के एक सदस्य की मौत हो चुकी है और वो दिल्ली में अपने रिश्तेदारों से बात करने आए हैं। उन्होंने कहा कि मैं ये पूछने के लिए आया हूं कि अनुष्ठान होना है? उन्होंने कहा कि इंटरनेट बंद होने की वजह से वो टिकट नहीं कर सकते हैं। वहीं उनकी पत्नी विनोदिनी ने कहा कि उन्होंने सुना कि फोन लाइनों को पुलिस स्टेशन में चालू किया गया है, इसलिए वो यहां आए हैं।
लोगों को करना पड़ रहा है लंबा इंतजार
वहीं लाइन में लगे जवाहर नगर की हरविंदर कौर ने कहा वो उनका डीटीएच टीवी कनेक्शन रिचार्ज खत्म हो गया है। वो अपने बेटे को ये बता चाहती थी। उन्होंने रिपोर्टर से कहा कि अगर आप आप दिल्ली जा रहे हैं तो कृपया मेरे बेटे को बताएं कि मैं ठीक हूं और उसे टीवी रिचार्ज करने के लिए कहें। मेरे पास कोई और मुद्दा नहीं है। वहीं राशिदा एजाज ने बताया कि वो अपनी बेटी से बात करने के लिए आई हैं। उन्होंने रोते हुए बताया कि उनकी बेटी कोर्स करने के लिए दिल्ली गई है। मेरी चिंता ये है कि अगर उसे रुपये खत्म हो गए तो वो क्या करेगी? डीसी कार्यालय के एक अधिकारी सादिक भट्ट ने कहा कि गुरुवार रात को सोशल मीडिया पर नंबर साझा किए गए थे और तब से कॉल आना बंद नहीं हुए थे। उन्होंने कहा कि राज्य के बाहर से भी कॉल आ रहे हैं। कॉल करने वाले चितिंत है। कभी-कभी वो तब कॉल करते हैं जब उनके परिवार वाले चले गए होते हैं।
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