लोन मोरेटोरियम: सुप्रीम कोर्ट का अहम आदेश, दो महीने तक कोई लोन एनपीए नहीं होगा
लोन मोरेटोरियम: अगले दो महीने तक कोई लोन एनपीए घोषित नहीं होगानई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने लोन मोरेटोरियम मामले में सुनवाई करते हुए गुरुवार को आदेश दिया है कि जो खाते 31 अगस्त तक एनपीए नहीं हैं, उनको अगले दो महीने तक एनपीए घोषित नहीं किया जाएगा। इस मामले पर अब सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने लोन मोरेटोरियम मामले में सुनवाई करते हुए गुरुवार को आदेश दिया है कि जो खाते 31 अगस्त तक एनपीए नहीं हैं, उनको अगले दो महीने तक एनपीए घोषित नहीं किया जाएगा। इस मामले पर अब सुप्रीम कोर्ट 10 सितंबर को फिर से सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार लोन ना चुका पाने पर किसी पर जबरन कार्रवाई ना करे। जस्टिस अशोक भूषण ने कहा कि बैंक कर्जदारों के खिलाफ कठोर कार्रवाई नहीं करेंगे।
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गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालत इस बात पर विचार नहीं कर रही कि सरकार के उपाय सही हैं या नहीं या विभिन्न क्षेत्रों को राहत कैसे दी जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि हमारे सामने सवाल यह रखा गया है कि आपदा राहत कानून के तहत क्या सरकार कुछ करेगी? हर सेक्टर को स्थिति के मुताबिक राहत दी जाएगी।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायालय में केंद्र सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि बैंकिंग सेक्टर भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। हम ऐसा कोई भी निर्णय नहीं कर सकते हैं, जिससे देश की अर्थव्यवस्था कमजोर हो। मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में कहा, केंद्र ने भुगतान का दबाव करने का निर्णय किया था, ब्याज माफी का नहीं।
क्या है ये केस
कोरोना महामारी और लॉकडाउन को देखते हुए आरबीआई ने तीन महीने के कर्ज की किस्त (ईएमआई) भुगतान में स्थगन यानी मोरेटोरियम की घोषणा की थी। बाद में बाद में इसे तीन महीने के लिए और बढ़ा दिया गया। मोरेटोरियम की सुविधा 31 अगस्त को खत्म हो गई है। मोरेटोरियम की सुविधा को और आगे बढ़ाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कई याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता की दलील है कि कोरोना महामारी की वजह से उत्पन्न हुए आर्थिक हालात में सुधार नहीं है बल्कि स्थिति और खराब हुई है। ऐसे में मोरोटोरियम की सुविधा को दिसंबर 2020 तक बढ़ाया जाए। याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में बीते तीन दिन से सुनवाई हो रही है।
केंद्र इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में कहा कि मोरेटोरियम पीरियड दो साल तक का हो सकता है। आरबीआई और बैंक मिलकर जल्द ही इस पर फैसला लेंगे। हालांकि सभी सेक्टर को ये राहत नहीं मिलेगी। एसजी तुषार मेहता ने कहा कि हम प्रभावित क्षेत्रों की पहचान करने की प्रक्रिया में हैं, जो महामारी के चलते हुए नुकसान के प्रभाव के अनुसार अलग-अलग लाभ उठा सकते हैं।
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