लोन मोरेटोरियम: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- क्रेडिट कार्डधारकों को क्यों दे रहे छूट का लाभ?
नई दिल्ली। लोन मोरेटोरियम मामले पर सुनवाई करते हुए गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने क्रेडिट कार्ड धारकों को लाभ देने पर सवाल उठाए हैं। अदालत ने कहा कि कार्डधारक लोन नहीं लेता है बल्कि खरीदारी करता है। वहीं सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट अगर केंद्र की ओर से इस मामले में उठाए कदमों से संतुष्ट है तो आगे दखल नहीं देकर इसका निपटारा कर दे। सुप्रीम कोर्ट अगले हफ्ते फिर इस मामले की सुनवाई करेगा।
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बैंकों से कर्जदारों से ब्याज पर ब्याज की वसूली पर रोक का आग्रह करने वाली विभिन्न याचिकाओं पर जस्टिस अशोक भूषण की अगुवाई में तीन जजों की बेंच सुनवाई कर रही है। गुरुवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि क्रेडिट कार्डधारकों को ब्याज पर ब्याज छूट का लाभ नहीं दिया जाना चाहिए क्योंकि क्रेडिट कार्डधारक कर्जदार नहीं है। वे खरीदारी करते हैं, ना कि कोई कर्ज लेते हैं।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि आगे और राहत की मांग पर विचार ना किया जाए, क्योंकि सरकार पहले ही उच्चतम सीमा पर पहुंच चुकी है और सरकार संकटग्रस्त क्षेत्रों को मदद के लिए हरसंभव मदद देने को तैयार है। तुषार मेहता ने कहा कि याचिकाओं में जो मांग की गई हैं, उनका हल कैसे निकाला जाए। उसके लिए केंद्र सरकार का अपना तरीका है। अगर सुप्रीम कोर्ट केंद्र की ओर से इस पूरे मामले में लिए संतुष्ट है तो फिर उसे अब इसमें दखल नहीं देना चाहिए।
याचिका दायर करने वाली बिजली उत्पादक कंपनियों की तरफ से पेश वकील ने कहा कि उन्हें तो दुर्व्यवहार करने वाले वर्ग मान लिया गया है। बिजली उत्पादन कंपनियों पर 1.2 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है लेकिन एफपीआई या एलआईसी को इनमें पैसा लगाने की इजाजत नहीं दी जा रही। सुप्रीम कोर्ट ने बिजली उत्पादक कंपनियों को भारतीय रिजर्व बैंक को ऋण राहत पर सुझाव देने के लिए कहा है।
रिजर्व बैंक ने कोरोना महामारी को देखते हुए कर्ज किस्तों के भुगतान पर मार्च से अगस्त तक रोक की सुविधा उपलब्ध कराई थी। सुविधा का लाभ लेने वाले ग्राहकों से बैंकों के ईएमआई के ब्याज पर ब्याज वसूलने को लेकर कई याचिकाएं दायर की गई हैं। सुप्रीम कोर्ट मोरेटोरियम पीरियड के दौरान ना चुकाए गए ईएमआई की ब्याज माफी मामले में आज सुनवाई कर रहा है।