लोन मोरेटोरियम: मोदी सरकार ने जनता को दी बड़ी राहत, 'ब्याज पर ब्याज' होगा माफ
नई दिल्ली: लॉकडाउन से देश की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई। इस दौरान MSME और प्राइवेट नौकरी से जुड़े लोगों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई थी, क्योंकि उनकी EMI पर ज्यादा ब्याज लग रहा था। इस बीच केंद्र सरकार ने एक राहत भरी खबर दी है, जिसके तहत अब लोगों को ब्याज पर ब्याज यानी चक्रवृद्धि ब्याज नहीं देना पड़ेगा। हालांकि इस कदम से केंद्र के खजाने पर भार ज्यादा पड़ेगा।
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इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में हो रही है। जिसमें मोदी सरकार ने हलफनामा दायर कर कहा कि अब MSME, शैक्षिक, आवास, उपभोक्ता, ऑटो, क्रेडिट कार्ड आदि पर लागू चक्रवृद्धि माफ किया जाएगा। हालांकि ये राहत बड़ी राशि के लिए नहीं है, सिर्फ दो करोड़ तक के लोन पर चक्रवृद्धि ब्याज में राहत मिलेगी। केंद्र सरकार का ये फैसला साफतौर पर मध्यम वर्गीय लोगों को राहत देगा। मामले की अगली सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में 5 अक्टूबर को होगी।
फेस्टिव सीजन के लिए एसबीआई के लोन पर खास ऑफर, मिल रही हैं ये छूट
हलफनामे में केंद्र सरकार ने आगे कहा कि पूरे देश में कोरोना महामारी के कारण आर्थिक दिक्कतें हैं। ऐसे में ब्याज पर छूट का भार केंद्र सरकार ही वहन करेगी, क्योंकि यही एक मात्र रास्ता है। केंद्र के मुताबिक वो इस कदम को सक्षम करने के लिए संसद की अनुमति भी लेगी। वित्त मंत्रालय के आंकलन के मुताबिक हर वर्ग के लिए लोन माफ करने से बैंकों पर 6 लाख करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। ऐसे में उनकी स्थिति और ज्यादा खराब हो सकती है।
पैनल
की
सिफारिश
नहीं
मानी
आपको
बता
दें
कि
लॉकडाउन
के
बाद
आरबीआई
ने
मार्च
से
अगस्त
तक
लोन
मोरेटोरियम
लागू
किया
था।
उस
दौरान
कहा
गया
था
कि
ग्राहक
चाहे
तो
अपनी
EMI
बाद
में
भी
दे
सकता
है।
इस
दौरान
ब्याज
का
मामला
सुप्रीम
कोर्ट
पहुंच
गया।
इसके
बाद
कोर्ट
के
निर्देश
पर
केंद्र
सरकार
ने
राजीव
महर्षि
की
अध्यक्षता
में
एक
पैनल
गठित
किया।
जिसने
अपनी
रिपोर्ट
में
कहा
कि
केंद्र
सरकार
को
'ब्याज
पर
ब्याज'
नहीं
माफ
करना
चाहिए।
इसके
बावजूद
मोदी
सरकार
ने
अब
सुप्रीम
कोर्ट
में
चक्रवृद्धि
ब्याज
माफ
करने
की
बात
कही
है।