गोवा पार्ट-2 की तैयारी, आडवाणी को दरकिनार कर मोदी की ताजपोशी!
नयी दिल्ली। भाजपा के शीर्ष नेता लालकृष्ण आडवाणी की जिंद अब उन्हें हशिये पर डाल सकती है। गुजरात के मुख्यमंत्री और चुनाव प्रचार कमेटी के अध्यक्ष नरेन्द्र मोदी को भाजपा सर्वसम्मति से पीएम प्रत्याशी घोषित करने का मन बना चुकी है। संघ की मुहर लग जाने के बाद भाजपा अपने कदम पीछे नहीं खींचना चाहती है। मोदी की ताजपोशी की पूरी तैयारी हो चुकी है, लेकिन आडवाणी अंड़ागा लगा रहे है। पार्टी में उनके पद को देखते हुए पहले तो उन्हें मनाने की कोशिश की गई, लेकिन अब मोदी के पीएम पद की मुखालफत करने से पार्टी उनसे नाराज हो गई है।
आडवाणी का ये रुख पार्टी को नागवार गुजर रहा है। लिहाजा पार्टी ने आडवाणी के बगैर ही मोदी की ताजपोशी का मन बना लिया है। भाजपा अब वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की सहमति के बगैर नरेन्द्र मोदी को पार्टी का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर सकती है। पार्टी को अब आडवाणी की नाराजगी भी नहीं रोक पा रही है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक भाजपा की कल होने वाली संसदीय बोर्ड की बैठक में इस बाबत फैसला लिया जाएगा। मोदी के नाम पर सहमति बनाने के लिए बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने आज आडवाणी ने मुलाकात की। उन्हें मनाने की कोशिश की, लेकिन आडवाणी बस यहीं रट लगाते रहे की मोदी के नाम की घोषमा पार्टी के हित में नहीं है।
ऐसे में जहां भाजपा का एक केमा और संघ मोदी के फेवर में है तो पार्टी आडवाणी को दरकिनार कर आगे बढ़ने का मन बना चुकी है। गौरतलब है कि आडवाणी की साख बाजपा में कम होती जा रही है। इससे पहले आडवाणी की गैर मौजूदगी में ही गोवा में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में मोदी को पार्टी की चुनाव अभियान समिति का प्रमुख नियुक्त किया गया था। ऐसे में आडवाणी के बिना मोदी की ताजपोशी कोई बड़ी बात नहीं होगी। हलांकि पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह अब बी कोशिशें कर रहे है। अलग-अलग रास्ते से आडवाणी को मनाने की कोशिश जारी है। अगर फिर भी आडवाणी लाल ही रहे तो उन्हें भूलकर पार्टी सामूहिक रास्ते पर चल देगी।
क्यों हैं आडवाणी नाराज
आडवाणी चाहते है कि विधानसभा चुनाव खत्म होने मोदी के नाम की घोषणा ना की जाएं।
संसदीय बोर्ड में मतदान के जरिए हो फैसला
मोदी के नाम का ऐलान होने से कांग्रेस को होगा फायदा
क्या है भाजपा की दलील
2007 गुजरात विधानसभा चुनाव के वक्त खुद आडवाणी ने इसी तरह किया था अपने नाम का ऐलान
खुद उन्होंने भी गुजरात विधानसभा चुनाव खत्म होने का इंतजार नहीं किया
1995 में आडवाणी ने वाजपेयी का नाम आगे बढ़ाया
संसदीय बोर्ड ने वाजपेयी के नाम पर बाद में मुहर लगाई
मोदी के पक्ष में बने माहौल को आडवाणी नजरअंदाज कर रहे हैं
कौन-कौन जप रहे है 'नमो मंत्र'
राजनाथ
सिंह
अरूण
जेटली
वैंकेया
नायडू
थावरचंद
गहलोत
रामलाल
आडवाणी की राग में कौन-कौन जे रहे है साथ
लालकृष्ण
आडवाणी
मुरली
मनोहर
जोशी
नितिन
गडकरी
सुषमा
स्वराज
अनंत
कुमार