आरएसएस के शिक्षा वर्ग में प्रणब के जाने पर क्या बोले लालकृष्ण आडवाणी?
नई दिल्ली। गुरुवार को राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) के तृतीय वर्ष वर्ग के आयोजन में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के कदम की वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने सराहना की है। प्रणब के नागपुर स्थित आरएसएस मुख्यालय जाने और उनके संबोधन को देश की हाल के समय की बड़ी घटना बताते है। उन्होंने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के प्रणब मुखर्जी को न्योता देने के लिए भी उनकी तारीफ की है।
प्रणब ने सद्भावना का परिचय दिया
प्रणब मुखर्जी की तारीफ करते हुए आडवाणी ने कहा कि आरएसएस के न्योते को स्वीकार कर पूर्व राष्ट्रपति ने सद्भावना का परिचय दिया। एक बयान में आडवाणी ने कहा कि सार्वजनिक जीवन में लंबे अनुभव और उनके स्वभाव ने प्रणब एक ऐसा स्टेट्समैन बना दिया है जो दृढ़तापूर्वक यह मानता है कि तमाम वैचारिक और राजनीतिक पृष्ठभूमि के लोगों के बीच संवाद और सहयोग बेहद जरूरी है।
भागवत के भाषण को भी सराहा
आडवाणी ने कहा कि मोहन भागवत और प्रणब मुखर्जी के भाषणों में सामंजस्यता साफ नजर आई, दोनों ने वैचारिक मान्यताओं और मतभेदों से ऊपर उठकर संवाद का सराहनीय उदाहरण पेश किया है। आडवाणी ने कहा कि खुलेपन और आपसी आदर के जरिए इस तरह के संवाद से हमारे सपनों के भारत के लिए बहुत जरूरी है, ये सहिष्णुता, सद्भाव और सहयोग का माहौल बनाने में मदद करेगा।
प्रणब ने राष्ट्रवाद पर दिया भाषण
प्रणब मुखर्जी गुरुवार को आरएसएस के तृतीय वर्ष वर्ग के आयोजन में शामिल होने नागपुर पहुंचे थे। यहां अपने संबोधन में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देश और राष्ट्रवाद पर भाषण दिया। प्रणब मुखर्जी के आरएसएस कार्यक्रम में जाने को लेकर लगातार भाजपा और कांग्रेस नेता बयान दे रहे हैं। कई लोग उनकी तारीफ कर रहे हैं, तो कई उनके इस कदम की कड़ी आलोचना भी कर रहे हैं।
आरएसएस के मंच पर प्रणब मुखर्जी के भाषण को अपने पक्ष में बताने में जुटे कांग्रेस-BJP