राजद नेता तेजस्वी यादव और लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने की मांग कोरोना काल में न हो बिहार चुनाव
राजद नेता तेजस्वी यादव और लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने की मांग कोरोना काल में न हो बिहार
नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बीच बिहार में अक्टूबर-नवंबर के महीने में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं, लेकिन अभी इसकी अधिकारिक रुप से घोषणा चुनाव आयोग द्वारा नहीं की गई है लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसे टालने को लेकर मांग उठने लगी है। राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव के बाद शुक्रवार को लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने भी महामारी के बीच चुनाव कराने को लेकर चिंता व्यक्त की।
चिराग पासवान ने कहा कि कोरोना के प्रकोप से बिहार ही नहीं पूरा देश प्रभावित है। कोरोना के कारण आम आदमी के साथ साथ केंद्र व बिहार सरकार का आर्थिक बजट भी प्रभावित हुआ है। ऐसे में चुनाव से प्रदेश पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा। संसदीय बोर्ड के सभी सदस्यों ने इस विषय पर चिंता जताई है।
शुक्रवार को चिराग पासवान ने कई ट्वीट किए और दावा किया कि बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के लिए उनकी तैयारी पूरी है। इसके बावजूद हमारी पार्टी चुनाव के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने लिखा कि लोक जनशक्ति पार्टी चुनाव के लिए तैयार है। 94 विधानसभा सीटों पर बूथ लिस्ट सत्यापित करने का काम पूरा हो जाएगा और बाकी की 149 सीटों पर भी जल्द ही इसे कर लिया जाएगा।
बता दें कि पिछले कुछ दिनों से भाजपा और एलजेपी के बीच बातचीत बंद चल रही हैं और राम विलास पासवान जो कि केन्द्रीय मंत्री हैं और चिराग पासवान के पिता भी हैं उन्होंने बिहार चुनाव के बारे में भविष्य की कार्रवाई का फैसला करने के लिए पूर्ण रुप से चिराग पासवान पर छोड़ दिया है। मालूम हो कि एनजेपी एनडीए गठबंधन में सहयोगी पार्टी है। दोनों पार्टियों के बीच बंद हुई बातचीत के बाद बिहार की राजनीतिक गलियारें में तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। बिहार विधानसभा चुनाव से पूर्व राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से लोक जनशक्ति पार्टी की नाराजगी को लेकर कई खबरें सामने आ रही हैं। लोजपा ने यह माना है कि बिहार एनडीए में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। कुछ दिनों पहले ये भी खबरें थी कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी सहयोगी लोजपा को तवज्जो नहीं दे रहे। लोजपा प्रमुख चिराग पासवान फोन को इंटरटेन नहीं करते। चिराग फोन भी करते हैं तो नीतीश जवाब नहीं देते।
चिराग पासवान ने कहा कि चुनाव आयोग को बहुत सारे विचार-विमर्श के साथ निर्णय लेना चाहिए। ऐसा नहीं होना चाहिए कि प्रदेश की एक बड़ी आबादी खतरे में पड़ जाए। इस महामारी के बीच चुनाव होने पर मतदान प्रतिशत बहुत कम हो सकता है जो लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। " उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी चुनाव के लिए तैयार है। कुछ दिनों पहले राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी कुछ इसी तरह के विचार व्यक्त किए थे। उन्होंने वर्चुअल रैलियां करने के लिए भाजपा और जदयू की आलोचना की थी। भाजपा और जदयू दोनों ने कई बार दोहराया है।
वहीं चिराग के इस बयान पर काउंटर करते हुए बीजेपी नेता संजय पासवान ने कहा कि जो लोग ऐसी टिप्पणी कर रहे हैं भले ही वो हमारी सरकार में शामिल हो या विरोधी पार्टी में हो, उनकी ऐसी टिप्पणियां बता रही हैं कि वो लोग लोकतंत्र में विश्वास नहीं रखते हैं। चुनाव आयोग इस मुद्दे पर निर्णय लेने के लिए सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि यह सत्ता में बने रहने के लिए राम विलास जी की रणनीति का हिस्सा है। हमारे वरिष्ठ नेताओं ने कहा है कि एनडीए में सब ठीक है इसलिए हम भी मानते हैं कि सब ठीक है। पहले LJP के बिना भी BJP और JDU सरकार रही है।
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