चाचा पशुपति के खिलाफ चिराग का 'शक्ति प्रदर्शन', दिल्ली में LJP नेताओं के साथ की बैठक
नई दिल्ली, 20 जून: काफी दिनों से लोक जनशक्ति पार्टी में अंदरुनी घमासान जारी है, जहां स्वर्गीय रामविलास पासवान के भाई पशुपति कुमार पारस अपने भतीजे चिराग के पर कतरने में लगे हुए हैं। वहीं दूसरी ओर चिराग भी पूरी तरह से डिफेंस मोड में आ गए और चाचा के सामने शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं। दो दिन पहले उन्होंने चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात कर पशुपति पारस के अध्यक्ष बनाए जाने पर ऐतराज जताया था, तो वहीं रविवार को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ अपने ऑफिस में एक अहम बैठक की।
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दरअसल चिराग का खेमा पशुपति कुमार पारस के पार्टी अध्यक्ष बनाए जाने को असंवैधानिक मानता है। उनका कहना है कि जब राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई तो उसमें न्यूनतम सदस्य भी उपस्थित नहीं थे। ऐसे में पारस के निर्विरोध जीतने की बात में दम नहीं है। इसी वजह से आज चिराग पार्टी ने वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की। इस बैठक में उन्होंने चाचा के खिलाफ रणनीति तैयार की, ताकी अपना वर्चस्व पार्टी में दोबारा से स्थापित कर सकें। बैठक के बाद चिराग ने कहा कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में अधिकांश सदस्य उपस्थित थे। सभी ने एक स्वर में निष्कासित नेताओं द्वारा पार्टी के चिह्न और नाम का उपयोग किए जाने की निंदा की। साथ ही रामविलास पासवान को भारत रत्न देने और बिहार में उनकी एक बड़ी प्रतिमा स्थापित करने की भी मांग की गई है।
अब
तक
पशुपति
ने
क्या
किया?
पशुपति
कुमार
पारस
खुद
लोकसभा
के
सांसद
हैं,
ऐसे
में
सबसे
पहले
उन्होंने
4
अन्य
सांसदों
के
साथ
लोकसभा
स्पीकर
ओम
बिड़ला
से
मुलाकात
की।
इसके
बाद
खुद
को
एलजेपी
संसदीय
दल
का
नेता
घोषित
करवा
लिया।
फिर
पार्टी
में
अपना
दबदबा
कायम
करने
के
लिए
सूरजभान
सिंह
को
कार्यकारी
अध्यक्ष
बना
दिया।
बाद
में
उनकी
अध्यक्षता
में
एलजेपी
कार्यकारिणी
की
बैठक
हुई
और
पशुपति
पारस
निर्विरोध
अध्यक्ष
चुन
लिए
गए।
अभी
शनिवार
को
ही
उन्होंने
राष्ट्रीय,
प्रदेशस्तरीय
कार्यकारिणियों
को
भंग
कर
दिया
था।