सवाधान! खतरे में है दिल्ली-NCR के लोगों की जान, धड़ल्ले से चल रहा है बोतलबंद पानी का कारोबार
नई
दिल्ली।
राष्ट्रीय
राजधानी
और
उससे
सटे
शहरों
में
10
हजार
से
अधिक
बोतलबंद
पानी
की
इकाइयां
सक्रिय
हैं
और
इनमें
से
अधिकांश
64
लाइसेंसयुक्त
निर्माताओं
के
नाम
का
अवैध
उपयोग
कर
रही
हैं।
पूरे
दिल्ली-एनसीआर
में
पानी
से
इस
अवैध
गोरखधंधे
से
लोगों
की
जान
पर
आ
पड़ी
है।
इस
क्षेत्र
से
जुड़े
अधिकारियों
ने
इन
आंकड़ों
और
अवैध
चलन
की
पुष्टि
की
है।
बॉटल्ड
वॉटर
प्रोसेसर्स
एसोसिएशन
के
अध्यक्ष
पंकज
अग्रवाल
कहते
हैं
कि
यह
सुनने
में
डरावना
लगेगा
लेकिन
पूरे
एनसीआर
में
सिर्फ
64
कम्पनियों
को
बोतलबंद
पानी
बेचने
का
लाइसेंस
प्राप्त
है।
इसके उलट 10 हजार से अधिक इकाइयां सक्रिय हैं और इस कारण यह बड़ी चिंता की बात है। यहां सक्रिय इकाइयां ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआईएस) की अनुमति के बगैर यह काम कर रही हैं। इस तरह की अवैध इकाइयां झुग्गियों और दिल्ली, हरियाणा व उत्तर प्रदेश के शहरों की तंग गलियों से चलाई जा रही हैं। ये पानी की गुणवत्ता के मानकों का पालन शायद ही करते हैं और इन तक पानी की गुणवत्ता का परीक्षण करने वाले सरकारी अधिकारी भी नहीं पहुंच पाते।
बोतल
से
निकले
मक्खी
और
कॉक्रोच
हाल
ही
में
ईस्ट
दिल्ली
म्यूनिसिपल
कारपोरेशन
के
दफ्तर
में
जो
बोतलबंद
पानी
सप्लाई
किया
जाता
है,
उसमें
से
एक
बोतल
में
काक्रोच
मिले
थे।
जांच
के
बाद
पता
चला
कि
पानी
की
सप्लाई
करने
वाला
अवैध
धंधा
कर
रहा
है।
उस
इकाई
का
तो
पता
भी
नहीं
चल
सका
क्योंकि
संघ
के
पास
उसका
कोई
रिकार्ड
नहीं।
नोएडा
स्थित
एक
मीडिया
हाउस
में
हाल
ही
में
पानी
के
बोतल
में
मक्खी
मिली
थी।
इसे
लेकर
केंद्रीय
स्वास्थ्य
मंत्री
हर्ष
वर्धन
ने
कहा
कि
अगर
दिल्ली
में
यह
हालत
है
तो
देश
के
दूसरे
हिस्सों
में
क्या
स्थिति
होगी।
मेरे
पास
हालांकि
इसे
लेकर
कोई
सरकारी
आंकड़ा
नहीं
है।
स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से शिकायत
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार को केंद्र के पास ऐसे अवैध धंधा करने वालों का आंकड़ा भेजना चाहिए। केंद्र सरकार ऐसे लोगों के खिलाफ तभी कार्रवाई कर सकेगी, जब उसके पास कोई आंकड़ा या नाम पता होगा। नार्थ दिल्ली म्यूनिसिपल कारपोरेशन के मेयर योगेंद्र चंडोलिया कहते हैं, "दिल्ली एनसीआर में 10 हजार से अधिक इकाइयां सक्रिय हैं। इनमें से अधिकांश के पास लाइसेंस नहीं है। कई इलाको में पानी की किल्लत है और ऐसे में पानी का धंधा करने वालों की चांदी हो रही है। सिर्फ उत्तरी दिल्ली में 2000 से अधिक लोग पानी का अवैध धंधा कर रहे हैं। इनका आंकड़ा भी सरकार को दिया गया लेकिन इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।"