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2025 तक देश में 50 प्रतिशत बच्चों को मिलेगी प्रोफेशनल शिक्षा- राष्ट्रपति
नई दिल्ली: इस साल 29 जुलाई भारत में शिक्षा क्षेत्र के लिए काफी खास दिन था, क्योंकि इसी दिन केंद्र सरकार ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को मंजूरी दी थी। भारत में ये 21वीं शताब्दी की पहली शिक्षा नीति है, जो आधुनिक युग के हिसाब से बनाई गई है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मुद्दे पर राज्यपालों के सम्मेलन का उद्घाटन वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए किया। पढ़ें पल-पल का लाइव अपडेट-
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राष्ट्रीय शिक्षा नीति की अनुशंसाओं को लागू करने की दिशा में आप सभी राज्यपालों तथा शिक्षा मंत्रियों का बहुत महत्वपूर्ण दायित्व है। मुझे विश्वास है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को कार्यरूप देने में योगदान करते हुए आप सब भारत को ‘नॉलेज-हब’ बनाने में अपनी प्रभावी भूमिका निभाएंगे- राष्ट्रपति कोविंद
राष्ट्रपति ने कहा कि मैं चाहूंगा कि सभी राज्यपाल अपने राज्यों में नई शिक्षा नीति को कार्यरूप देने के लिए थीम आधारित वर्चुअल सम्मेलन करें। शिक्षा नीति के विभिन्न आयामों पर व्यापक विचार-विमर्श के उपरान्त आप अपने सुझाव केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को भेज सकते हैं ताकि उनका देशव्यापी उपयोग किया जा सके।
राष्ट्रपति के मुताबिक स्कूली शिक्षा को मजबूत आधार देने के लिए 2021 तक, इस शिक्षा नीति पर आधारित, टीचर्स एजुकेशन का एक नवीन और व्यापक पाठ्यक्रम तैयार करने का लक्ष्य है। टीचर्स एजुकेशन, उच्च शिक्षा का अंग है। अतः राज्य स्तर पर आप सबको टीचर्स एजुकेशन से जुड़े अत्यंत महत्वपूर्ण लक्ष्यों को प्राप्त करना है।
राष्ट्रपति ने कहा कि 1968 की शिक्षा नीति से लेकर इस शिक्षा नीति तक, एक स्वर से निरंतर यह स्पष्ट किया गया है कि केंद्र व राज्य सरकारों को मिलकर सार्वजनिक शिक्षा के क्षेत्र में जीडीपी के 6 परसेंट निवेश का लक्ष्य रखना चाहिए। 2020 की इस शिक्षा नीति में इस लक्ष्य तक शीघ्रता से पहुंचने की अनुशंसा की गयी है।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति, परामर्शों की अभूतपूर्व और लंबी प्रक्रिया के बाद तैयार की गई है। मुझे बताया गया है कि इस नीति के निर्माण में, ढाई लाख ग्राम पंचायतों, साढ़े बारह हजार से अधिक स्थानीय निकायों तथा लगभग 675 जिलों से प्राप्त दो लाख से अधिक सुझावों को ध्यान में रखा गया है।
पीएम ने कहा कि प्रोफेसर्स, टीचर्स के मन में सवाल होंगे कि वो खुद को इस बदलाव के लिए तैयार कैसे कर पाएंगे? इस प्रकार का पाठयक्रम कैसे मैनेज हो पाएगा? आप सभी के पास भी अनेक सवाल होंगे, जिन पर आप चर्चा भी कर रहे हैं। ये सभी सवाल महत्वपूर्ण हैं, हर सवाल के समाधान के लिए सब मिलकर काम कर रहे हैं। शिक्षा मंत्रालय की तरफ से भी लगातार संवाद जारी हैं। राज्यों में हर स्टेकहोल्डर की पूरी बात, हर राय को खुले मन से सुना जा रहा है। आखिर हम सभी को मिलकर ही तो तमाम शंकाओं और आशंकाओं का समाधान करना है।
पीएम ने कहा कि गांव में कोई शिक्षक हो या फिर बड़े-बड़े शिक्षाविद, सबको राष्ट्रीय शिक्षा नीति, अपनी शिक्षा शिक्षा नीति लग रही है। सभी के मन में एक भावना है कि पहले की शिक्षा नीति में यही सुधार तो मैं होते हुए देखना चाहता था। ये एक बहुत बड़ी वजह है राष्ट्रीय शिक्षा नीति की स्वीकारता की।
सम्मेलन को संबोधत करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि देश की Aspirations को पूरा करने का महत्वपूर्ण माध्यम शिक्षा नीति और शिक्षा व्यवस्था होती है। शिक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी से केंद्र , राज्य सरकार, स्थानीय निकाय, सभी जुड़े होते हैं, लेकिन ये भी सही है कि शिक्षा नीति में सरकार, उसका दखल, उसका प्रभाव, कम से कम होना चाहिए।
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English summary
live update national education policy 2020 president-kovind pm modi to address
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