CWC बैठक: मनमोहन सिंह बोले- नया अध्यक्ष मिलने तक पद पर बनी रहें सोनिया गांधी
नई दिल्ली: कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी का कार्यकाल खत्म हो चुका है। जिस वजह से अब पार्टी को हर हाल में नए अध्यक्ष का चुनाव करना है। इस बीच 23 नेताओं ने पार्टी हाईकमान को चिट्ठी लिखी थी, जिसमें नेतृत्व परिवर्तन की मांग की गई थी। इसके बाद सोमवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाई गई। सूत्रों के मुताबिक सोनिया गांधी ने बैठक में इस्तीफे की पेशकश की है।
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कोरोना महामारी को देखते हुए इस बार कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक वर्चुअल माध्यम से हो रही है। जिसमें सोनिया गांधी भी अपने आवास से जुड़ीं। सूत्रों के मुताबिक सोनिया गांधी अब अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी और नहीं संभालना चाहती हैं, जिस वजह से उन्होंने CWC से आग्रह किया कि वो उन्हें पदमुक्त करने और नए अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया शुरू करें। इस पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और एके एंटनी ने कहा कि सोनिया गांधी को तब तक इस पद पर रहना चाहिए, जब तक पार्टी को नया अध्यक्ष नहीं मिल जाता।
चिट्ठी
की
टाइमिंग
पर
राहुल
का
सवाल
कांग्रेस
नेताओं
ने
जो
चिट्ठी
लिखी
है
उसमें
संगठन
को
फिर
से
मजबूत
करने
के
लिए
बड़े
बदलाव
की
मांग
की
गई
है।
साथ
ही
कहा
गया
कि
कांग्रेस
का
फिर
से
उठ
खड़ा
होना
लोकतंत्र
के
लिए
जरूरी
है।
चिट्ठी
में
CWC
के
कामकाज
पर
भी
सवाल
उठाए
गए
हैं।
इस
चिट्ठी
पर
राहुल
गांधी
ने
निराशा
जताई
है।
उन्होंने
चिट्ठी
की
टाइमिंग
पर
सवाल
उठाते
हुए
कहा
कि
मैं
काफी
आहत
हूं,
इस
चिट्ठी
को
लीक
किया
गया
है।
उन्होंने
पूछा
कि
सोनिया
गांधी
के
अस्पताल
में
भर्ती
होते
ही
चिट्ठी
क्यों
लिखी
गई।
राहुल
नहीं
चाहते
हैं
जिम्मेदारी
कांग्रेस
के
भीतर
नए
नेतृत्व
को
लेकर
अंदरूनी
मतभेद
भी
देखने
को
मिल
रहा
है।
एक
तरफ
जहां
पार्टी
में
एक
तबका
यह
चाहता
है
कि
पार्टी
की
कमान
गांधी-नेहरू
परिवार
के
ही
हाथ
में
हो,
तो
दूसरा
तबका
ऐसा
भी
हो
जो
यह
चाहता
है
कि
पार्टी
को
गांधी
परिवार
से
अलग
नेतृत्व
मिले।
सूत्रों
की
मानें
तो
राहुल
गांधी
ने
पार्टी
के
शीर्ष
पद
को
लेकर
अपनी
अनिच्छा
जाहिर
की
है।
राहुल
गांधी
नहीं
चाहते
हैं
कि
वह
पार्टी
के
अध्यक्ष
पद
की
कमान
संभाले।
क्या
चाहते
हैं
वरिष्ठ
नेता?
लोकसभा
में
कांग्रेस
के
नेता
अधीर
रंजन
चौधरी
ने
कहा
है
कि
गांधी
परिवार
के
अलावा
कोई
दूसरा
कांग्रेस
प्रमुख
पार्टी
की
खोई
हुई
जमीन
वापस
नहीं
ला
सकता।
असलियत
यही
है
कि
'जब
भी
कांग्रेस
में
गांधी
परिवार
से
बाहर
का
कोई
अध्यक्ष
बना
है
पार्टी
कमजोर
ही
हुई
है।
पीवी
नरसिम्हाराव
और
सीताराम
केसरी
इसके
उदाहरण
हैं।
पार्टी
के
वरिष्ठ
नेता
कमलनाथ
और
दिग्विजय
सिंह
ने
भी
यही
मांग
रखी
है।