'विदेश में छेड़छाड़, फ्लाइट में शराब और मंदिर में चोरी', लंबी है आनंद गिरि पर आरोपों की फेहरिस्त
नई दिल्ली, 20 सितंबर: अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में उनके ही शिष्य आनंद गिरि का नाम सामने आया है। आरोप है कि आनंद गिरि ने अपने गुरु को मानसिक रूप से परेशान किया, जिस वजह से उन्होंने जान देने का फैसला किया। लंबे वक्त से दोनों में विवाद चल रहा था। आनंद गिरि वैसे तो संत हैं, लेकिन उनका विवादों से पुराना नाता रहा है। नरेंद्र गिरि के करीबियों की मानें तो आनंद ने मठ के कई नियम तोड़े थे, जिस वजह से उनकी गुरु से दूरी बढ़ती चली गई।
छेड़छाड़ का आरोप
आनंद गिरि पर एक नहीं बल्कि दो महिलाओं ने छेड़छाड़ के आरोप लगाए थे। ये मामला साल 2016 और 2018 का है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आनंद ऑस्ट्रेलिया की यात्रा पर गए हुए थे। तभी दो महिलाओं ने होटल के कमरे में उन पर छेड़खानी का आरोप लगा दिया। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया में उन्हें गिरफ्तार किया गया। जिससे मठ की बहुत ज्यादा बदनामी हुई। बाद में नरेंद्र गिरि ने मामले में दखल दिया और वकीलों की मदद से उनको रिहा करवाया।
4 करोड़ की वसूली
रिहाई के बाद मामला खत्म नहीं हुआ। मठ से जुड़े लोगों का मानना है कि जैसे ही आनंद गिरि का नाम मामले में सामने आया, वैसे ही महंत नरेंद्र गिरि, मंदिर और बाघंबरी मठ की छवि पर बहुत ज्यादा नकारात्मक प्रभाव पड़ा। इसी मामले में छूट जाने के बाद आनंद ने अपने गुरु महंत नरेंद्र गिरि पर उन्हें छुड़ाने के लिए कई अमीर लोगों से 4 करोड़ रुपये वसूल करने का आरोप लगाया था।
शराब के साथ फोटो वायरल
छेड़छाड़ का मामला शांत ही हुआ था कि आनंद गिरि की एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई। जिसमें वो फ्लाइट में बैठे थे, साथ ही उनके पास एक ग्लास रखा था। तस्वीर देखने पर लग रहा था कि ग्लास में शराब है। जिसके बाद वो मठ के लोगों के निशाने पर आ गए। बाद में आनंद गिरि ने पूरे मामले पर सफाई दी और बताया कि वो शराब नहीं बल्कि एप्पल जूस था। फोटो में कलर की वजह से लोगों को गलतफहमी हुई। वैसे इस मामले में कानून का उल्लंघन नहीं हुआ था। जिस वजह से जांच नहीं हुई और किसी को सच नहीं पता चल सका।
चोरी का आरोप
वैसे संत का जीवन जीने वाले लोग परिवार से मतलब नहीं रखते हैं, लेकिन आनंद गिरि पर इसको लेकर भी आरोप लगे। महंत नरेंद्र गिरि ने आरोप लगाया था कि आनंद परिवार से मिलते हैं। साथ ही प्रयागराज स्थित लेटे हुए हनुमान जी के मंदिर में जो चढ़ावा चढ़ता है, उसमें से चोरी करके वो अपने घर भेजते थे। उस दौरान नरेंद्र गिरि ने ये भी कहा था कि आनंद के ऊपर ये आरोप एक दिन की जांच का नतीजा नहीं हैं, बल्कि उनके ऊपर कई दिनों से निगरानी की जा रही थी। हालांकि बाद में आनंद ने अपने गुरु पर ही मठ में फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगा दिया।
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