'लिपस्टिक अंडर माय बुर्का' विवाद: सेंसर बोर्ड पर भड़के प्रकाश झा बोले कोर्ट में जाऊंगा
एएनआई से बातचीत में प्रकाश झा ने कहा कि इस फिल्म के जरिए संस्कृति को नुकसान नहीं पहुंच रहा है। दर्शक को यह तय करने देना चाहिए कि फिल्म बुरी है या अच्छी।
मुंबई। प्रकाश झा की नई फिल्म 'लिपस्टिक अंडर माय बुर्का' को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) ने सर्टिफिकेट देने से इंकार कर दिया है। सेंसर बोर्ड के इस फैसले को लेकर बॉलीवुड की कई हस्तियों ने इसका विरोध किया है। अब खुद प्रकाश झा सामने आए हैं और सेंसर बोर्ड के फैसले पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि 'सेंसर बोर्ड के इस फैसले के खिलाफ कोर्ट जाऊंगा और ऐसा मैं पहले भी कर चुका हूं। यही एकमात्र विकल्प बचता है।
एएनआई से बातचीत में प्रकाश झा ने कहा कि इस फिल्म के जरिए संस्कृति को नुकसान नहीं पहुंच रहा है। दर्शक को यह तय करने देना चाहिए कि फिल्म बुरी है या अच्छी। सेंसरिंग को हटाकर सर्टिफिकेशन की जरूरत है। कैंची चलाने की ताकत नहीं होनी चाहिए।' आपको बता दें कि अलंकृता श्रीवास्तव के निर्देशन में बनी इस फिल्म को प्रकाश झा ने प्रोड्यूस किया है। फिल्म में रत्ना पाठक शाह, कोंकणा सेन शर्मा, विक्रांत मैसी, अहाना कुमरा, प्लाबिता बोरठाकुर और शशांक अरोड़ा ने अहम भूमिकाएं निभाई हैं। VIRAL VIDEO: बीच सड़क चलती बाइक पर अंतरंग हुआ जोड़ा, और फिर...
सुशांत सिंह ने भी उठाया CBFC पर सवाल
टीवी और फिल्म ऐक्टर सुशांत सिह ने कहा,'सेंसर बोर्ड को लगता है कि सेक्शुअल इच्छाओं वाली महिला को दिखाना समाज के लिहाज से बुरा है लेकिन यही बोर्ड एक से बढ़कर एक घटिया दर्जे की फिल्मों को आसानी से पास कर देता है।' VIDEO: दिल्ली के इस मशहूर होटल में पैर से गूंथा जाता था आटा, पड़ा छापा
आजादी
तलाशती
महिलाओं
पर
आधारित
है
कहानी
इस
फिल्म
की
कहानी
में
भारत
के
एक
छोटे
शहर
की
पृष्ठभूमि
में
दिखाई
गई
है।
कहानी
का
तानाबाना
चार
महिलाओं
की
जद्दोजहद
पर
बुना
गया
है।
ये
महिलाएं
आजादी
की
तलाश
में
हैं
जो
खुद
को
समाज
के
बंधनों
से
मुक्त
करना
चाहती
हैं।
बता
दें
कि
यह
फिल्म
मुंबई
फिल्म
फेस्टिवल
में
लैंगिक
समानता
पर
बेस्ट
फिल्म
के
लिए
ऑक्सफेम
अवॉर्ड
जीत
चुकी
है।