कर्नाटक की नई सरकार की पोल खोलने के लिए बीजेपी ने चला ये बड़ा दांव
नई दिल्ली। शुक्रवार को सदन में विश्वास मत हासिल करने के बाद कर्नाटक की जेडीएस और कांग्रेस सरकार से लिंगायत सुमदाय को अलग धर्म का दर्जा देने की मांग पर फिर से प्रपोजल मांगा है। केंद्र सरकार ने पूर्व की कांग्रेस सरकार के लिंगायत को अलग धर्म का दर्जा और राज्य के लिए अलग झंडे की मांग के प्रस्ताव को फिर से राज्य सरकार के पास भेज दिया है। गृह मंत्रालय ने कहा है कि कर्नाटक की नयी सरकार से उन्होंने प्रस्ताव पर फिर से राय मांगी है।
केंद्र के इस प्रस्ताव को फिर से कर्नाटर सरकार को भेजने के पीछे एक खास रणनीति मानी जा रही है। दरअसल, इस मामले को लेकर कांग्रेस और जेडीएस एकमत नहीं हैं, इसलिए इसे गठबंधन में तकरार पैदा करने की कोशिश की तरह से भी देखा जा रहा है। ऐसे में अब इन दोनों प्रस्तावों की संस्तुति दोबारा करने में गठबंधन सरकार में टकराव हो सकता है।
कर्नाटक की पूर्व की कांग्रेस सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले लिंगायत और वीरशैव लिंगायत समुदाय को अल्पसंख्यक का दर्जा देने की सिफारिश का प्रस्ताव केंद्र को भेजा था। गृह मंत्रालय ने अधिकारियों का कहना है कि राज्य में एक नई सरकार का गठन हो चुका है। इसलिए कुमारस्वामी सरकार नया प्रस्ताव भेजे।
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