हामिद अंसारी की तरह 10 साल बाद भोपाल की जेल से बाहर आए पाकिस्तान के इमरान कुरैशी
नई दिल्ली। पाकिस्तान की जेल में बंद हामिद अंसारी छह वर्ष के अब अपने घर लौट चुके हैं। अब हामिद की ही तरह कोई और है जो 10 वर्ष बाद अपने घर लौटेगा। मध्य प्रदेश के भोपाल की एक जेल में बंद मोहम्मद इमरान कुरैशी पाकिस्तान के कराची के रहने वाले हैं। न्यूज चैनल इंडिया टुडे के मुताबिक शनिवार को इमरान को शाहजनाबाद के पुलिस स्टेशन से रिहा कर दिया गया। 26 दिसंबर को वाघा बॉर्डर के जरिए इमरान पाकिस्तान में दाखिल होंगे। इमरान भी हामिद की तरह अपने प्यार की खातिर भारत आए थे। बस उनकी लव स्टोरी में इतना अंतर है कि उनकी शादी उस लड़की से हो गई थी जिसके लिए उन्होंने बॉर्डर पार किया था। यह भी पढ़ें-एक पाकिस्तानी जो हामिद अंसारी के लिए जेल में ले जाती थी चीज-बर्गर!
प्यार के लिए आए थे भारत
इमरान वारसी की उम्र इस समय 36 वर्ष है और वह सरल 2003 में भारत आए थे। यहां पर उनकी शादी उनके मामा की बेटी से हुई जिससे वह बेहद प्यार करते थे। इस समय दो बच्चों के बाप इमरान सफलतापूर्वक कानूनी वीजा पर भारत आए थे। चार वर्ष उन्होंने भारत में बिताए लेकिन साल 2008 में उन्हें भारतीय अथॉरिटीज ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इमरान ने बताया कि शादी के बाद जब उनका वीजा खत्म हो गया तो उनकी पत्नी के परिवार ने उनसे वादा किया कि उनके लिए पासपोर्ट का इंतजाम हो जाएगा। इसके बाद उन्हें उनकी पत्नी और बेटों के साथ पाकिस्तान भेज दिया जाएगा। उन्हें सेशंस जजों की ओर से सजा सुनाई गई थी।
दुश्मन ने पुलिस को बताया जासूस
इमरान ने बताया कि जब वह भोपाल आए तो उन्होंने भारतीय डॉक्यूमेंट्स तैयार करा लिए थे। उनका कहना है कि उन्हें इसलिए गिरफ्तार किया गया क्योंकि उनके पत्नी के परिवार में से किसी ने पुलिस को इत्तिला दे दी थी। इमरान का कहना है कि उनकी पत्नी से परिवार का कोई और सदस्य शादी करना चाहता था। लेकिन जब उन दोनों की शादी हो गई तो उसने खुद को ठगा महसूस किया। इाके अलावा संपत्ति विवाद भी चल रहा था। इस वजह से उन्हें पाकिस्तान का जासूस बताया गया और उन्हें जेल में डाल दिया गया। इस वर्ष 19 जनवरी को उनकी सजा खत्म हो गई थी। साल 2012 में पाकिस्तान उच्चायोग ने उनकी पहचान की पुष्टि कर दी थी। लेकिन उन्हें सजा की अवधि पूरी न हो पाने की वजह से रिहा नहीं किया जा सका था।
पहले सुनाई गई 40 वर्ष की सजा
14 मार्च 2018 को उन्हें भोपाल सेंट्रल जेल से आजाद किया गया। इसके बाद वह शाहजनाबाद गार्डियन पुलिस स्टेशन में लाए गए। गार्डियन पुलिस स्टेशन को पाक से आए विदेशी नागरिकों के लिए एक सुरक्षित जगह माना जाता है। इमरान को आईपीसी के सेक्शन 467, 468 और 120बी और सीक्रेट एक्ट्स का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया था। इमरान को पहले 40 वर्ष की सजा सुनाई गई थी। लेकिन उन पर लगा जासूसी और आतंकवाद से जुड़ा कोई भी आरोप साबित नहीं हो पाया और इस वजह से सजा को 10 वर्ष कर दिया गया। इमरान के मुताबिक वीजा खत्म होने के बाद उन्हें नहीं रुकना चाहिए था। इमरान के लिए सोशल एक्टिविस्ट सैयद आबिद हुसैन ने टिृवटर पर #HelpImran के नाम से मुहिम चलाई थी।