लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू बोले- कश्मीर के लोग चाहते हैं शांति, आतंकियों को अब नहीं मिल रहा समर्थन
नई दिल्ली: कश्मीर में स्थित 15वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने घाटी की स्थिति को पहले से बेहतर बताया है। जनरल राजू के मुताबिक अब घाटी की आवाम शांति चाहती है। जिस वजह से आतंकी संगठनों को स्थानीय लोगों का सपोर्ट नहीं मिल रहा है। ऐसे में वो बौखला कर जगह-जगह हमले कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कश्मीर घाटी में हर आपात स्थिति से निपटने में भारतीय सेना को सक्षम बताया है।
न्यूज एजेंसी PTI को दिए ऑनलाइन इंटरव्यू में लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का मकसद सिर्फ सनसनी पैदा करना है। मौजूदा वक्त में उन्हें कश्मीर की आवाम का ज्यादा समर्थन नहीं मिल रहा है। जो आतंकी गतिविधियां हो रही हैं, वो हताशा का संकेत हैं। अब लोग कश्मीर घाटी में हिंसा के चक्र से बाहर निकलना चाहते हैं। हाल ही में उत्तरी कश्मीर में हुई एक मुठभेड़ में भारतीय सेना के कर्नल समेत कई जवान शहीद हुए थे। इस पर जनरल राजू ने कहा कि ये घटना कश्मीर घाटी में बढ़ते आतंकवाद को नहीं दर्शाती है।
जम्मू-कश्मीर: राजौरी सेक्टर में सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़, 1 आतंकवादी ढेर
आतंकी
संगठनों
में
भर्ती
हुए
कम
युवा
जनरल
राजू
के
मुताबिक
इस
साल
बहुत
ही
कम
संख्या
में
युवाओं
ने
आतंकवाद
का
रास्ता
चुना
है।
उन्होंने
भर्ती
हुए
युवाओं
की
संख्या
का
खुलासा
करने
से
इनकार
कर
दिया।
इससे
पहले
जम्मू-कश्मीर
पुलिस
के
DGP
दिलबाग
सिंह
ने
बताया
था
कि
2018
में
218
और
2019
में
139
युवाओं
ने
आतंकवाद
का
रास्ता
चुना
था।
इस
साल
का
अभी
तक
कोई
आधिकारिक
आंकड़ा
नहीं
जारी
हुआ
है।
फिलहाल
35
युवक
लापता
बताए
जा
रहे
हैं।
ऐसे
में
आशंका
है
कि
ये
सभी
आतंकी
संगठनों
के
साथ
जुड़े
होंगे।
इस
पर
जनरल
राजू
ने
कहा
कि
अब
कश्मीर
घाटी
के
युवा
शांति
के
रास्ते
पर
चलना
चाहते
हैं।
उनके
लिए
खेलकूद,
कौशल
विकास
और
रोजगार
के
अवसर
तैयार
किए
जा
रहे
हैं।
कश्मीर
घाटी
में
होने
वाली
सेना
भर्ती
रैली
के
लिए
10
हजार
से
ज्यादा
युवाओं
ने
रजिस्ट्रेशन
करवाया
है।
ये
संख्या
पिछले
साल
की
तुलना
में
दोगुनी
है।
घुसपैठ
पर
भी
लगाम
घुसपैठ
पर
बोलते
हुए
उन्होंने
कहा
कि
सेना
की
आतंकवाद
और
घुसपैठ
रोधी
ग्रिड
काफी
बेहतर
है।
साथ
ही
परिस्थितियों
को
देखते
हुए
खुद
को
बदल
भी
रही
है।
पाकिस्तान
हमेशा
से
घाटी
में
शांति
व्यवस्था
को
बिगड़ना
चाहता
है।
ऐसे
में
भारतीय
सेना,
जम्मू-कश्मीर
पुलिस
और
अन्य
खुफिया
एजेंसियों
के
साथ
मिलकर
बेहतर
काम
कर
रही
है।
साथ
ही
हर
आपातकालीन
स्थिति
से
निपटने
में
सक्षम
भी
है।