जम्मू कश्मीर: पुलवामा में सिर्फ 1.91% तो शोपियां में 2.64% ही वोटिंग
श्रीनगर। सोमवार को लोकसभा चुनावों के पांचवें चरण के लिए मतदान हुआ और जम्मू कश्मीर में भी वोट डाले गए। घाटी की अनंतनाग सीट पर कल तीसरे दौर की वोटिंग हुई। अनंतनाग के तहत आने वाले पुलवामा और शोपियां में भी जनता ने मतदान किया लेकिन जो बात सबसे ज्यादा परेशान करने वाली है, वह है यहां का मतदान प्रतिशत। पुलवामा में जहां सिर्फ 1.91 प्रतिशत मतदान रिकॉर्ड किया गया तो वहीं शोपियां में मतदान का प्रतिशत 2.64 ही रहा।
पोलिंग बूथ पर बच्चे क्रिकेट खेलने में बिजी
पुलवामा में स्कूलों में बनाए गए कुछ पोलिंग बूथ्स तो एकदम ही खाली पड़े थे और बच्चे यहां पर क्रिकेट खेलने में मशगूल थे। पुलवामा के गुंडीबाग गांव के पोलिंग बूथ को इस वर्ष पड़ोस के काजीगुंड गांव में शिफ्ट कर दिया गया था। 14 फरवरी को 19 वर्ष के जैश-ए-मोहम्मद के सुसाइड बॉम्बर आदिल अहमद डार ने पुलवामा में ही सीआरपीएफ के काफिले पर एक हमले को अंजाम दिया था। लेतपोरा इलाके में हुए इस हमले का आतंकी डार पुलवामा का ही रहने वाला था। उस आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। डार के पिता गुलाम हसन डार ने सरकार को ही घाटी के हालातों के लिए जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि राजनेताओं की वजह से ही घाटी के हालात खराब हुए हैं और इस वजह से गुंडीबाग के लोग सोमवार को वोट डालने के लिए घरों से नहीं निकले।
पोलिंग के बीच ग्रेनेड अटैक
पुलवामा और शोपियां में ज्यादातर पोलिंग बूथ खाली ही पड़े थे। दक्षिण कश्मीर के हालात यूं तो पिछले पांच वर्षों से ही बिगड़ हैं, लेकिन जुलाई 2016 में जब से यहां पर हिजबुल मुजाहिद्दीन कमांडर बुरहान वानी को एनकाउंटर में मारा गया तो उसके बाद हालात बेकाबू हो गए। वानी भी पुलवामा के त्राल का रहने वाला था। न सिर्फ वानी बल्कि घाटी के कई लोकल आतंकी पुलवामा और शोपियां से ही आते हैं। उनके पास यहां पर सेब के काफी बागान हैं। पिछले कई वर्षों में इन इलाकों ने आए दिन एनकाउंटर को झेला है। पुलवामा में रहामू गांव के पोलिंग स्टेशन पर आतंकियों ने पोलिंग के बीच ही ग्रेनेड फेंका था। जिस समय आतंकियों ने ग्रेनेड फेंका उस समय यहां पर मतदान जारी था। पुलवामा अनंतनाग लोकसभा क्षेत्र के तहत आता है। पुलिस के मुताबिक हमले में कोई भी घायल नहीं हुआ।
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