वायरल हो रही इन दो तस्वीरों में छिपा है तेंदुआ, खोजने के लिए माथापच्ची कर रहे लोग
नई दिल्ली: कोरोना को रोकने के लिए पूरे देश में 17 मई तक लॉकडाउन का ऐलान किया गया है। जिस वजह से लोग घरों में कैद हैं और सोशल मीडिया पर लगे रहते हैं। इस बीच सोशल मीडिया पर दो फोटो वायरल हो रही है। जिसको ओडिशा में तैनात वन अधिकारी सुशांत नंदा ने ट्वीट किया है। इन दो फोटो में तेंदुआ घात लगाए बैठा है लेकिन दिख नहीं रहा। सुशांत नंदा ने लोगों को फोटो में तेंदुए को खोजने का चैलेंज दिया है। कुछ लोगों ने तेंदुए को खोजकर जवाब दे दिया, तो कुछ अभी भी माथापच्ची में जुटे हैं।
ये है तेंदुए की खासियत
तेंदुआ बिल्ली प्रजाति का सबसे खतरनाक जानवर है। ये दक्षिणी एशिया और अफ्रीका में ज्यादा पाए जाते हैं। इनके शरीर पर भी धब्बे पाए जाते हैं, जिस वजह से ये दूर से चीते जैसा दिखता है, लेकिन स्पीड के मामले में ये बाघ और चीते से भी तेज है। एक तेंदुआ 58 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बिना आवाज किए अपने शिकार को दबोच सकता है। आम तौर पर इनका वजन 50 से 70 किलोग्राम के आसपास होता है। ये ज्यादातर अपना वक्त पेड़ पर बिताते हैं। देखने और सुनने की क्षमता इनकी काफी अच्छी होती है, जिस वजह से शिकार करने के मामले में इनका कोई मुकाबला नहीं है। मिट्टी के साथ ये आसानी से छिप जाते हैं और घात लगाकर अपने शिकार को दबोच लेते हैं। इन खासियतों की वजह से वन्यजीव प्रेमी इन्हें साइलेंट किलर भी कहते हैं।
Can u find the leopard in both the photos🤔
The spotted patterns of leopards helps camouflage it perfectly. The pattern of dark & light breaks the visual outline, so that they don’t stand out glaringly against the background. This is crucial for its survival.
Photos from SM pic.twitter.com/jSEvlqzfa1
— Susanta Nanda IFS (@susantananda3) May 13, 2020
ध्यान से देखने पर मिला तेंदुआ
अगर आप इन तस्वीरों को ध्यान से जूम करके देखेंगे तो आपको तेंदुआ मिल जाएगा। पहली तस्वीर में तेंदुआ मिट्टी के ढेर के पीछे घात लगाकर बैठा है। हल्के पीले रंग का होने के कारण ये मिट्टी के रंग में मिलकर अदृश्य जैसा हो जाता है। जब आप फोटो जूम करेंगे तो तेंदुआ बैठा दिख जाएगा। दूसरी फोटो में भी ऐसा ही है। बर्फ के बगल में तेंदुए का सिर दिख रहा है। इस फोटो में तेंदुआ कैमरे की ओर ही देख रहा है। पहाड़ी का रंग और तेंदुए का रंग एक जैसा होने की वजह से आप इसे बिना जूम किए नहीं देख सकते।
विलुप्त ना हो जाए ये अनोखा जानवर
आजादी के पहले तेंदुए आसानी से जंगलों के आसपास दिख जाते थे, लेकिन आज भारत में 7-10 हजार तेंदुए ही बचे हैं। वन विभाग ने बाघ की सुरक्षा बढ़ा दी है, जिस वजह से अब शिकारियों ने तेंदुओं का शिकार शुरू कर दिया। चीन जैसे देशों में तेंदुए की हड्डियों से पारंपरिक दवाइयां बनती हैं। वहीं अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी खाल की भी अच्छी कीमत मिल जाती है। जिस वजह से शिकारी भारत में इनका शिकार करके नेपाल के रास्ते चीन और अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी तस्करी करते हैं।
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