मूर्ति तोड़े जाने पर बोले सुब्रमण्यम स्वामी, लेनिन तो आतंकवादी है, हमारे देश में उसकी मूर्ति क्यों?
लेनिन की मूर्ति तोड़े जाने की घटना का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें भाजपा की टोपी लगाए हुए कुछ लोग भारत माता की जय के नारे लगाकर मूर्ति तुड़वा रहे हैं।
नई दिल्ली। त्रिपुरा में सरकार बदलने के साथ ही विचारधाराओं का टकराव सामने आने लगा है। सोमवार को साउथ त्रिपुरा डिस्ट्रिक्ट के बेलोनिया सबडिविजन में भाजपा समर्थकों ने रूसी क्रांति के नायक व्लादिमीर लेनिन की मूर्ति पर बुलडोजर चला दिया। लेनिन की मूर्ति ढहाए जाने की घटना पर जहां भाजपा ने पल्ला झाड़ लिया, वहीं विपक्ष ने इसे लेकर भाजपा पर हमला बोला है। इस बीच भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने लेनिन की मूर्ति तोड़े जाने पर बेहद विवादित बयान दिया है।
'हमारे देश में क्यों है लेनिन की मूर्ति'
सुब्रमण्यम स्वामी ने लेनिन की मूर्ति तोड़े जाने की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'लेनिन तो विदेशी है, एक प्रकार से आतंकवादी है, ऐसे व्यक्ति की हमारे देश में मूर्ति क्यों? वो मूर्ति कम्युनिस्ट पार्टी के हेड क्वार्टर के अंदर रख सकते हैं और पूजा करें।' आपको बता दें कि लेनिन की मूर्ति तोड़े जाने की घटना का वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें भाजपा की टोपी लगाए हुए कुछ लोग भारत माता की जय के नारे लगाकर मूर्ति तुड़वा रहे हैं।
घटना से भाजपा ने किया किनारा
हालांकि इस घटना से भाजपा ने किनारा कर लिया है। त्रिपुरा के भाजपा प्रभारी सुनील देवधर ने कहा कि उनकी पार्टी ऐसी किसी भी घटना का समर्थन नहीं करती है। लेनिन की मूर्ति तोड़े जाने के बाद विपक्ष ने भाजपा को निशाने पर ले लिया है। वहीं सोशल मीडिया पर भी इस घटना का विरोध हो रहा है। सोशल मीडिया पर इस घटना की तुलना तालिबान से की जा रही है।
सीपीआई ने बोला भाजपा पर हमला
घटना पर सीपीआई-एम के नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि त्रिपुरा में जो हिंसा हो रही है, उससे स्पष्ट है कि आरएसएस-बीजेपी का रुझान क्या है। हिंसा के अलावा उनका राजनीतिक भविष्य कुछ है नहीं। त्रिपुरा की जनता इसका जवाब देगी। सीपीआई नेता डी राजा ने मूर्ति तोड़े जाने पर कहा, 'मैं पुरजोर तरीके से इस हिंसा की निंदा करता हूं। एक लोकतंत्र में यह बिल्कुल स्वीकार नहीं है। हम एक बहुदलीय लोकतंत्र का हिस्सा हैं, कुछ पार्टियां जीतती हैं और कुछ हारती हैं, इसका मतलब ये नहीं कि वो लेनिन की मूर्ति तोड़ने जैसी हिंसा और तोड़-फोड़ कर सकते हैं। इस घटना पर सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।'
कौन हैं लेनिन
मार्क्सवादी विचारक लेनिन के नेतृत्व में 1917 में रूस में क्रांति हुई थी। लेनिन ने रूसी क्रांति पर तीस से ज्यादा किताबें लिखी हैं। लेनिन की अध्यक्षता में ही सोवियत सरकार की स्थापना की गई थी। मजदूरों और गरीबों के हक के लिए लड़ने वाले लेनिन ने कहा कि मजदूर भी एक इंसान होता है और उसे भी सम्मान के साथ जीने का हक है। रूसी कम्युनिस्ट पार्टी (बोल्शेविक पार्टी) के संस्थापक लेनिन के मार्क्सवादी विचारों को 'लेनिनवाद' के नाम से जाना जाता है।
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