जम्मू-कश्मीर विधान परिषद को भंग करने का आदेश जारी, सचिव सहित कर्मचारियों को 22 अक्टूबर तक करना होगा रिपोर्ट
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर से 370 हटने और राज्य को 2 केंद्र शासित प्रदेशों में बटने के बाद अब जम्मू-कश्मीर विधान परिषद के सभी कर्मचारियों को लेकर बड़ी खबर आई है। जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल 2019 पर राष्ट्रपित रामनाथ कोविंद की मुहर लगने के बाद जम्मू-कश्मीर राज्य दो भागों में बंट गया। बता दें, जम्मू-कश्मीर में विधान परिषद इस महीने 31 अक्टूबर को भंग हो रही है ऐसे में कर्मचारियों को जनरल एडमिनिस्ट्रेशन विभाग में रिपोर्ट करने को कहा गया है।
बता दें, गुरुवार को आदेश जारी करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 की धारा 57 के तहत 22 अक्टूबर तक जम्मू-कश्मीर विधान परिषद से जुड़े सचिव और सभी 116 कर्मचारियों को सामान्य प्रशासन विभाग में रिपोर्ट करना होगा। मालूम हो कि, जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के साथ ही वहां की 70 साल पुरानी विधान परिषद अब इतिहास बन गई हैं। बता दें देश के किसी भी केंद्र शासित प्रदेश में विधान परिषद नहीं है। जम्मू-कश्मीर की विधान परिषद 31 अक्टूबर को भंग हो जाएगी।
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जम्मू-कश्मीर
में
विधान
परिषद
आपकी
जानकारी
के
लिए
बता
दें
कि,
जम्मू-कश्मीर
में
विधान
परिषद
के
कुल
36
सदस्य
होते
थे।
इन
सभी
को
एमएलसी
कहा
जाता
था।
इन
सभी
सदस्यों
को
आम
विधायकों
की
तरह
सुरक्षा,
गाड़ियां
और
निर्वाचन
क्षेत्र
फंड
का
इस्तेमाल
करने
जैसे
सभी
अधिकार
प्राप्त
थे।
अब
जम्मू-कश्मीर
के
पुनर्गठन
के
आदेश
के
साथ
ही
विधान
परिषद
इतिहास
के
पन्नों
में
दर्ज
हो
गया
है।