चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के जश्न में भारत के वामपंथी नेताओं ने भी लिया हिस्सा, पूरी लिस्ट देखिए
नई दिल्ली, 29 जुलाई: चीन की सत्ताधारी चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के 100 साल पूरे होने के जश्न में भारत की वामपंथी पार्टियों के नेताओं समेत कुछ और विपक्षी पार्टियों के सांसदों ने भी भाग लिया है। यह जानकारी दिल्ली स्थित चाइनीज एंबेसी ने दी है। कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के 100 साल पूरे होने का यह जश्न समारोह मंगलवार को चाइनीज एंबेसी की ओर से आयोजित किया गया था। भारत के लेफ्ट फ्रंट और डीएमके नेताओं ने इस कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से शिरकत की थी। चाइनीज दूतावास की ओर से कहा गया है कि '27 जुलाई को सीपीसी की स्थापना के शताब्दी वर्ष का जश्न मनाने के लिए भारत में चीन के दूतावास की ओर से ऑनलाइन सेमीनार आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य 'पार्टी-निर्माण, आदान-प्रदान और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए अनुभव साझा करना' था।'
चीन के जश्न में शामिल हुए लेफ्ट के बड़े नेता
चीन की सत्ताधारी पार्टी के 100 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में भारत में चीन के राजदूत सुन वेइदोंग ने कहा है, '170 से ज्यादा देशों के 600 से ज्यादा राजनीतिक दलों और राजनीतिक संगठनों ने 1,500 से ज्यादा बधाई संदेश और खत सीपीसी के 100 साल पूरे होने पर भेजे हैं, जिनमें कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी), कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया और ऑल इंडिया फॉर्वर्ड ब्लॉक शामिल हैं। 'लेफ्ट फ्रंट के नेताओं की मौजूदगी में चीनी राजदूत ने इस मौके पर पूर्वी लद्दाख की गलवान वैली और पैंगोंग लेक की घटनाओं का भी जिक्र किया। चीन के राजदूत ने 1 जुलाई को चीन में मनाए गए सीपीसी के शताब्दी समारोह और उसमें चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भाषण का जिक्र कर कहा कि कम्युनिस्ट पार्टी चीन को गरीबी से बाहर निकालकर समृद्ध बनाने में सफल रही है। उन्होंने कहा कि 'सीपीसी की सफलता के पीछे कई "रहस्य" हैं।'
सीपीआई लीडरशिप ने की चीन के जश्न में शामिल होने की पुष्टि
चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी के इस जश्न समारोह में भारत के जिन वामपंथी नेताओं ने हिस्सा लिया, उनमें सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी, सीपीआई के महासचिव डी राजा और ऑल इंडिया फॉर्वर्ड ब्लॉक सेंट्रल कमिटी के सचिव जी देवराजन शामिल हैं। इनके इलावा डीएमके सांसद डीएनवी सेंथिलकुमार ने भी इसमें हिस्सा लिया। सीपीआई के महासचिव डी राजा ने चीन की सत्ताधारी पार्टी के जश्न समारोह में शामिल होने की पुष्टि कर कहा है कि सीसीपी के शताब्दी वर्ष के लिए उन्होंने बधाइयां और शुभकामनाएं दी थी। वो बोले, 'यह कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के शताब्दी वर्ष का मौका है, दो दिन पहले एक वर्चुअल मीटिंग थी, जिसमें मैं और सीपीआई(एम) के महासचिव सीताराम येचुरी, भारत में चीन के राजदूत सुन वेइडोंग, सीपीसी इंटरनेशनल डिपार्टमेंट के काउंसलर दू शियाओलिन के साथ शामिल हुए और बधाइयां और शुभकामनाएं दीं।'
गलवान और पैंगोंग लेक पर चीन ने की अपनी बात
उधर गलवान घाटी की घटना के बारे में चीन के राजदूत ने कहा है कि इस मौके पर चीन ने अपनी स्थिति साफ कर दी है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के अग्रिम सैनिक गलवान घाटी और पैंगोंगे लेक इलाके से पीछे हट गए हैं। वो बोले, 'चीन और भारत के संबंध इस क्षेत्र और पूरे विश्व की शांति और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण हैं और हमें अपने द्विपक्षीय संबंधों को ज्यादा व्यापक और लंबे समय के नजरिए से देखना और बर्ताव करना चाहिए। (तस्वीरें सौजन्य: चीनी दूतावास)