कांग्रेस की फजीहत की वजह बन चुके हैं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी!
बेंगलुरू। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी कांग्रेस पार्टी की फजीहत का कारण बन चुके हैं। अभी हाल ही लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने गांधी परिवार के तीन सदस्यों की एसपीजी सुरक्षा हटाने के सरकार के फैसले पर बहस के दौरान कांग्रेस को बैकफुट पर ले आए। हालांकि ऐसे कई वाक्या हैं, जहां अधीर रंजन चौधरी अपने विवादित बयानों से सदन और सदन के बाहर वो कांग्रेस की किरकिरी करवा चुके हैं।
जून, 2019 में लोकसभा में कांग्रेस के नेता चुने गए अधीर रंजन चौधरी ने संसद के शीतकालीन सत्र की शुरूआत भी विवादित बयान के साथ शुरू किया था जब उन्होंने एनआरसी मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को घुसपैठिया कह दिया। जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर सदन में सेल्फ गोल कर चुके अधीर रंजन चौधरी ने प्रधानमंत्री मोदी की तुलना गंदी नाली से करके लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी को बड़ा राजनीतिक हथियार थमा दिया था।
सदन में पीएम और गृहमंत्री को घुसपैठिया कहने वाला बवाल खत्म नहीं हुआ था अधीर रंजन चौधरी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन पर निजी टिप्पणी करके माहौल को एक बार फिर माहौल को गर्मा दिया। अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा में कॉर्पोरेट टैक्स कटौती पर चर्चा के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन को निर्बला सीतारमन बुलाया। सदन में किसी सदस्य के खिलाफ निजी टिप्पणी सदन में सदस्य की मर्यादा के खिलाफ है, लेकिन अधीर रंजन चौधरी कहां मानने वाले हैं।
एसपीजी सुरक्षा पर बहस के दौरान अधीर रंजन चौधरी ने गृहमंत्री अमित शाह को कटघरे में खड़ा करते-करते खुद कब सेल्फ गोल कर लिया, उन्हें पता ही नहीं चला। उन्होंने सदन में कहा कि मोदी सरकार ने राजनीतिक प्रतिशोध में गांधी परिवार से एसपीजी सुरक्षा वापस ली है, जिस पर गृह मंत्री अमित शाह ने पूरी कांग्रेस को ही सदन में नंगा कर दिया।
अधीर रंजन चौधरी के सवालों का जवाब देते हुए अमित शाह ने सदन को बताया कि जब पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जी की सुरक्षा ले ली गई कोई कांग्रेस कार्यकर्ता कुछ नहीं बोला, जब नरसिम्हा राव की सुरक्षा चली गई किसी ने चिंता नहीं जताई और पूर्व पीएम आईके गुजरात की सुरक्षा खतरे के आकलन के बाद वापस ले ली गई। पूरी कांग्रेस को आईना दिखाते हुए शाह ने कहा कि चिंता किसकी है, देश के नेतृत्व की या एक परिवार की?
अमित शाह यही नहीं रूके, उन्होंने गांधी परिवार की पोल पट्टी खोलते हुए सदन को बताया कि गांधी परिवार कई मौकों पर बिना सूचना दिए दौरों पर रहा। ऐसा करीब 600 बार हुआ। उन्होंने सवाल उठाया कि ऐसा कौन सा सीक्रेट जिसे गांधी परिवार द्वारा देश से छुपाया जा रहा था। रक्षामंत्री राजनाथ का उदाहण देते हुए शाह ने कहा, राजनाथजी को देखिए, कई सालों तक सुरक्षाकर्मी उन्हें टॉयलेट तक छोड़ने जाते थे लेकिन उन्होंने कभी भी कुछ नहीं कहा।
इससे पहले, अधीर रंजन चौधरी मौजूदा गोवा के राज्यपाल सत्यपाल मलिक पर विवादित बयान देकर अपनी और पार्टी की फजीहत करवा चुके थे जब उन्होंने कहा कि सत्य पाल मलिक को बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष बना देना चाहिए। यह बयान अधीर रंजन चौधरी ने तब दिया था जब 5 अगस्त, 2019 को मोदी सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के कुछ दिन बाद राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने दिए बयान में घाटी में लगातार स्थिति में सुधार होने की बात कही थी।
अधीर रंजन चौधरी ने तत्कालीन जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के खिलाफ विवादित बयान में कहा था, मुझे लगता है कि जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल को जम्मू-कश्मीर के लिए भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) का अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए क्योंकि उनके व्यवहार के साथ-साथ उनके बयान भी भाजपा नेता की तरह हैं।
इससे पहले, अधीर रंजन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना गंदी नाली से करके फंस चुके हैं, जिसे बीजेपी ने लोकसभा चुनाव 2019 में चुनावी कैंपेन के दौरान कांग्रेस के खिलाफ खूब इस्तेमाल किया था, नतीजा सबको पता है। कांग्रेस को लगातार दूसरी बार केंद्र में बुरी हार का सामना करना पड़ा और बीजेपी लगातार दूसरी बार केंद्र में पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने में कामयाब रही।
दरअसल, भाजपा ने लोकसभा में आरोप लगाया था कि कांग्रेस ने तो एक समय में 'इंदिरा इज इंडिया' जैसा मौहाल बना दिया था। इसपर प्रतिक्रिया देते हुए चौधरी बहक गए और मर्यादा लांघते हुए पीएम मोदी के लिए 'गंदी नाली' जैसे गंदे शब्द का इस्तेमाल कर दिया। उन्होंने इंदिरा गांधी को मां गंगा की तरह और पीएम मोदी को गंदी नाली की तरह बताया। साथ ही यह भी कहा कि 'हमारा और मुंह मत खुलवाओ।
वहीं, लोकसभा में धारा 370 के हटाए जाने का विरोध के दौरान तो अधीर रंजन चौधरी हद पार कर गए। उन्होंने सदन में ऐसे सवाल उठाए कि सदन में उनके बगल में बैठी सोनिया गांधी भी हक्की-बक्की रह गईं। अधीर रंजन चौधरी ने गृह मंत्री से सवाल किया कि जिस कश्मीर को लेकर शिमला समझौते और लाहौर डिक्लेरेशन हुआ है और जिस कश्मीर को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो को कहा है कि कश्मीर द्विपक्षीय मामला है तो ऐसे में यह एकपक्षीय कैसे हो गया?
बकौल अधीर रंजन चौधरी, आपने अभी कहा कि कश्मीर अंदरूनी मामला है, लेकिन यहां अभी भी संयुक्त राष्ट्र 1948 से मॉनिटरिंग करता आ रहा है, यह हमारा आंतरिक मामला कैसे हो गया? अधीर रंजन चौधरी के मुंह से इतना निकलना था कि पूरी सत्ता पक्ष कांग्रेस पर टूट पड़ी और कांग्रेस से जम्मू-कश्मीर पर उसका स्टैंड पूछने लग गई। कांग्रेस फजीहत से सदन में मुंह तक नहीं उठा पाई।
अधीर रंजन चौधरी जब यह बयान दे रहे थे, तो बगल में बैठी सोनिया गांधी कुछ इशारे कर रहीं थी, लेकिन अधीर रंजन चौधरी नहीं, रूके। उन्होंने फिर सरकार से सवाल किया कि वर्ष 1994 में पास हुए प्रस्ताव कि पूरा जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग इस पर अपना रुख साफ करे। उनके इस बयान के बाद कांग्रेस को बुरी तरह से लताड़ पड़ी।
गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस से पूछा, क्या आप कहते हैं नियमों का उल्लंघन हुआ है? अमित शाह ने पूछा, 'क्या आप नहीं मानते हैं कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग नहीं है? आप क्या बोल रहे हैं? जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, मैं जब भी जम्मू-कश्मीर कहता हूं कि तो पीओके भी इसमें होता है। मुझे गुस्सा आ रहा है कि आप नहीं सोचते हैं कि जम्मू-कश्मीर के अंर्तगत पीओके (पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर) भी आता है, हम इसके लिए जान भी दे सकते हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कांग्रेस को मुजम्मत करते हुए कहा, आपको बता दूं कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, इसमें कोई शक नहीं है और इस पर कानूनी विवाद भी नहीं है।' अमित शाह के इस बयान के बाद सत्ता पक्ष के सदस्यों ने 'भारत माता की जय' और वंदे मातरम के नारे लगाने शुरू कर दिए और पूरे सदन में कांग्रेस को मुंह छिपाना पड़ गया। सदन में अधीर रंजन चौधरी के सेल्फ गोल की गवाह रहीं सोनिया गांधी तब सदन में बेहद नाराज दिखीं थी।
यह भी पढ़ें- अधीर रंजन चौधरी के घुसपैठिए वाले बयान पर खट्टर का पलटवार, कहा- उनकी अक्ल का पेंच हिला है