राम मंदिर मुद्दे पर कानून मंत्री का सवाल- सुप्रीम कोर्ट में अपील 10 साल से लंबित है, सुनवाई क्यों नहीं होती
नई दिल्ली। अयोध्या में राम मंदिर मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में हो रही सुनवाई में देरी को लेकर कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा है कि शहरी नक्सली का केस दो महीने में हो जाता है। हमारे राम लला का विवाद 70 साल से लंबित है। सुप्रीम कोर्ट में अपील 10 साल से लंबित है। सुनवाई क्यों नहीं होती है। इसके साथ-साथ कानून मंत्री ने कहा कि मैं अपील करना चाहूंगा, कानून मंत्री के रूप में नहीं, नागरिक के रूप में, इसमें इतना सबूत है कि अच्छी बात हो सकती है, लेकिन जब लोग मेरे पास आते हैं और पूछते हैं, एडल्टरी का केस 6 महीने में हो जाता है, सबरीमाला मामले की सुनवाई 5-6 महीने में हो जाती है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले को लेकर नियमित सुनवाई के लिए लगाई गई याचिका की सुनवाई के लिए 4 जनवरी की तारीख तय की है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस संजय किशन कौल की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी। इससे पहले 29 अक्टूबर को अयोध्या राम मंदिर-बाबरी मस्जिद जमीन के मालिकाना हक को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई थी। कोर्ट ने कहा था कि अब इस मामले की सुनवाई 2019 में होगी। जिसके बाद अब कोर्ट ने अब सुनवाई के लिए 4 जनवरी की तारीख तय की है।
बता दें कि 2010 में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के विवादित जमीन को तीन हिस्सों में बांट देने के फैसले के खिलाफ तीनों पक्ष सुप्रीम कोर्ट में आ गए थे। सुप्रीम कोर्ट में में साल 2010 से ये मामला चल रहा है। मामले के मंदिर-मस्जिद से जुड़े होने के कारण देश के लोगों की निगाह इस केस पर लगी रहती है। हाल के दिनों में कई भाजपा नेता, आरएसएस और हिन्दूवादी संगठन अदालत के बाहर कोई तरीका अपनाकर मंदिर बनाए जाने की मांग करते रहते हैं।
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