लॉ कमीशन की सलाह, 21 से घटाकर 18 साल की जाए लड़कों की शादी की उम्र
नई दिल्ली। विधि आयोग (लॉ कमीशन) ने सलाह दी है कि पुरुषों की कानूनन शादी के लिए कम से कम उम्र की सीमा 21 साल से घटाकर 18 साल की जानी चाहिए। आयोग ने कहा कि पुरुषों और महिलाओं की शादी की लिए अलग-अलग उम्र का कानून नहीं होना चाहिए। महिलाओं की शादी की कानूनी उम्र कम से कम 18 साल है तो पुरुषों के लिए भी इसे 18 ही किया जाए। 'परिवार कानून में सुधार' पर अपने परामर्श पत्र में शुक्रवार को आयोग ने ये सुझाव दिए हैं।
विधि आयोग का तीन साल का कार्यकाल शुक्रवार को समाप्त हो गया। आयोग ने अपने कार्यकाल के आखिरी दिन सौंपे गए परामर्श-पत्र में शादी, तलाक, गुजारा भत्ता, पुरुष और महिलाओं की शादी की उम्र से संबंधित कानून में बदलाव का सुझाव दिया है। वहीं विधि आयोग ने परामर्श पत्र में समान नागरिक संहिता को गैर जरूरी बताया है।
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पत्र में कहा गया कि पति और पत्नी के लिए उम्र में फर्क का कोई कानूनी आधार नहीं है। शादी कर रहे दोनों लोग हर तरह से बराबर हैं और उनकी साझेदारी बराबर वालों के बीच वाली होनी चाहिए। पत्र में कहा गया है कि महिलाओं और पुरुषों की विवाह उम्र में अंतर बनाए रखना एक दकियानूसी सोच है, जिसके मुताबिक पत्नी अपने पति से छोटी होनी चाहिए।
कानून के तहत, शादी के लिए महिलाओं के लिए शादी की उम्र 18 और पुरुषों के लिए 21 साल है। आयोग ने कहा है कि बालिग होने की उम्र (18 साल) को भारतीय बालिग अधिनियम 1875 के तहत महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए शादी की कानूनी उम्र के रूप में मान्यता मिलनी चाहिए।
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