स्वामी चिन्मयानंद मामलाः SC का आदेश, माता-पिता से मिलने से पहले किसी से नहीं मिल सकती है पीड़िता
SC का आदेश,बिना माता-पिता से मिले किसी से नहीं मिल सकती पीड़िता
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के नेता और पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि पीड़िता को पहले उसके माता-पिता से मिलाए। उसके बाद ही वो किसी और से मिल सकेगी। सुप्रीम कोर्ट ने रजिस्ट्रार ज्यूडिशियल सबसे पहले पीड़िता को उसके माता-पिता से मिलवाए। बिना माता-पिता से मिले वो किसी से नहीं मिल सकती है। यहां तक की वकील को भी उसके बाद ही मिलने की इजाजत दी गई है। कोर्ट ने कहा है कि पीड़िता पहले मातचा-पिता से मिले उसके बाद वो कानूनी सलाह के लिए महिला वकील से मिल सकती है। कोर्ट से ये भी निर्देश दिया है कि पीड़िता के लिए लैंड लाइन की व्यवस्था की जाए।
दरअसल पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट के जजों के सामने कहा कि वो डरकर भाग गई थी। अपने माता-पिता से मिले बिना ही वो भाग गई और बिना उनसे मिले वो घर वापस नहीं जाना चाहती। पीड़िता की बात सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को आदेश दिया कि यूपी जाकर पीड़िता के माता-पिता को दिल्ली लेकर आए। तब तक पीड़िता को दिल्ली के वाईडब्ल्यूसीए या भगवान दास रोड स्थित ऑल इंडिया वूमेन कॉन्फ्रेंस के हॉस्टल में रहने की सलाह दी गई है। वहीं पीड़िता के सुरक्षा की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस को सौंपी गई है।
Supreme Court also says 'Considering the facts of the case, we direct the Commissioner of Police, Delhi to send a team of police for their (parents of the law student) comfortable travel to meet the girl.' https://t.co/1zH0OnhG9L
— ANI (@ANI) August 30, 2019
आपको बता दें कि एसएस लॉ कॉलेज की छात्रा 23 अगस्त को हॉस्टल से गायब हो गई थी। छात्रा के पिता ने कॉलेज के मालिक स्वामी चिन्मयानंद पर अपहरण और जान से मारने की धमकी देने का केस दर्ज कराया था। वहीं छात्रा ने वीडियो पोस्ट कर चिन्मयानंद पर गंभीर आरोप लगाए और पीएम मोदी और सीएम योगी से मदद मांगी।