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भूकंप से बार-बार धरती के कंपन की क्या सूरज बन रहा वजह? जानें सच

भूकंप से बार-बार धरती के कंपन की क्या सूरज बन रहा वजह? जानें सच

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बेंगलुरु। राष्‍ट्रीय राजधानी दिल्‍ली समेत देश के अन्‍य राज्यों में आए दिन आ रहे भूकंप के झटकों से लोग जबरदस्‍त घबराए हुए हैं। अप्रैल माह से लेकर अब तक कई बार भाारत में भूकंप से धरती डोल चुकी है। दिल्‍ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के बाद शुक्रवार की सुबह अंडमान निकोबार में भूकंप के जबरदस्‍त झटकों से धरती कांप उठी। वहीं शुक्रवार को सुबह से लेकर रात तक तीन अलग-अलग जगहों पर भूकंप के झटके महसूस किए गए । भारत ही नहीं पिछले कुछ समय से अन्‍य कई देशों में भूकंप आया। ऐसे में हर कोई ये जानना चाहता है कि पिछले कुछ समय में ऐसा क्या बदलाव हुआ कि बार-बार भूकंप से धरती कंपन कर रही है? क्या धरती को प्रकाश देने वाला सूरज इस भूंकप की वजह बन रहा हैं ?

क्या सूरज के कारण आ रहे भूकंप

क्या सूरज के कारण आ रहे भूकंप

दशकों से वैज्ञानिक इस पर शोध कर रहे हैं लेकिन ये अभी भी रहस्य बना हैं कि भूकंप क्यों आते हैं। वैज्ञानिकों अनुसार भूकंप के झटकों का पहले से अनुमान लगा पाना आसान नहीं होता हैं लेकिन हाल ही में हुए शोध में ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इन भूकंप के धीरे और तेज झटकों के पीछे सूरज पर होने वाले विस्‍फोट जिम्मेदार हो सकते हैं।

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रोम के इस इस्‍टीट्यूट ने किया ये अध्‍ययन

रोम के इस इस्‍टीट्यूट ने किया ये अध्‍ययन

ये अध्‍ययन रोम के नैशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ जियोफिजिक्स ऐंड वॉल्केनॉलजी के वैज्ञानिकों की टीम ने किया हैं। उन्‍होंने अपने अध्‍ययन में इस बात की खोज की कि सूरज पर जो विस्‍फोट होते हैं उनसे निकलने वाले प्लाज्मा और दूसरे पार्टिकल ने केवल धरती को प्रभावित करते हैं बल्कि धरती पर आने वाले भूकंप का भी कारण हो सकते हैं।

सूरज पर शक्तिशाली विस्फोट के 24 घंटों के बाद धरती पर आए भूकंप

सूरज पर शक्तिशाली विस्फोट के 24 घंटों के बाद धरती पर आए भूकंप

13 जुलाई को प्रकाशित इस शोध से पहले भी ये अनुमान लगाया गया था कि सूरज पर होने वाले शक्तिशाली विस्फोट पृथ्वी पर बड़े पैमाने पर भूकंप की घटनाओं को ट्रिगर कर सकते हैं। इस शोध में खुलासा हुआ है कि सूरज पर बडे विस्फोट होने के 24 घंटे के अंदर धरती पर ऐसे भूकंपों की संख्या में बढ़ोत्‍तरी हुई। जिनकी रिक्टर स्केल पर तीव्रता 5.6 से ज्यादा थी। वैज्ञानिकों के अनुसार ये इत्तेफाक मानना उच‍ित नहीं होगा। इत्‍तेफाक की संभावना कम हैं। वैज्ञानिकों ने कहा कि हमने परीक्षण किया है कि सौर गतिविधि दुनिया भर में भूकंपों की घटना को प्रभावित कर सकती है।

भूकंप का सूरज से होने वाले विस्‍फोट से कनेक्‍शन है

भूकंप का सूरज से होने वाले विस्‍फोट से कनेक्‍शन है

रोम के के इन वैज्ञानिकों ने नासा और ईएसए जॉइंट प्रॉजेक्ट Solar and Heliospheric Observatory (एसओएचओ) सैटलाइट के पिछले डेटा को स्टडी किया। यह ऐसा सैटलाइट है जो सूरज के चक्कर काटती है और सूरज के विस्फोटों से निकलने वाले पार्टिकल और प्लाज्मा के समय और तीव्रता को नापती है। टीम ने 20 साल के SOHO के डेटा और धरती पर भूकंप की तुलना की और पाया कि दोनों के बीच कनेक्शन है। इसके बाद ही वैज्ञानिक इस परिणाम पर पहुंचे हैं कि धरती पर आने वाले भूकंप का सूरज से होने वाले विस्‍फोट से कनेक्‍शन है। मालूम हो कि सूरज पृथ्वी से 900,000 मील (1.45 मिलियन किलोमीटर) की दूरी पर स्थित है।

धरती को ऐसे प्रभावित करते हैं सूरज के विस्‍फोट

धरती को ऐसे प्रभावित करते हैं सूरज के विस्‍फोट

वैज्ञानिकों ने अपनी स्‍टडी में पाया कि जब भी सूरज से निकलने वाले पॉजिटिव चार्ज जब चरम पर थे उसके 24 घंटे के बाद धरती पर भूकंप की संख्‍या बढ़ जाती है। शोध के अनुसार इसके लिए पीजोइलेक्ट्रिक इफेक्ट जिम्मेदार हैं। इसके अंतर्गत किसी बाहरी दबाव या मकैनकिल स्ट्रेस की वजह से इलेक्ट्रिक पल्स (चार्ज) निकलते हैं। अर्थ क्रस्‍ट में 20% क्वॉर्ट्ज होता है और वैज्ञानिकों का अनुमान है कि सूरज से आने वाले पॉजिटिव आयन वायुमंडल में प्रवेश होने पर इलेक्ट्रोमैग्नेटिक डिस्टर्बेंस पैदा करते हैं जिससे धरती के क्वॉर्ट्ज पर दबाव पड़ता है और इलेक्ट्रिक पल्स जनरेट होती है। इसकी वजह से टेक्टॉनिक प्लेट्स हिलती हैं और भूकंप आते हैं।

जानिए क्यों और कैसे आते हैं भूकंप

जानिए क्यों और कैसे आते हैं भूकंप

बता दें पूरी धरती 12 टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है। इसके नीचे तरल पदार्थ लावा है। ये प्लेटें इसी लावे पर तैर रही हैं और इनके टकराने से ऊर्जा निकलती है जिसे भूकंप कहते हैं। भूकंप आमतौर पर तब आते हैं जब चट्टानें एक दूसरे को पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेटों के रूप में बदल देती हैं और स्थिति के लिए जोस्ट हो जाती हैं। जब एक साथ प्लेटों को लॉक करने वाले तीव्र घर्षण को दूर किया जाता है, तो चट्टानें टूट जाती हैं, जिससे भारी मात्रा में ऊर्जा निकलती है और जमीन हिलती है। लेकिन वैज्ञानिकों ने ग्रह के चारों ओर कुछ बड़े भूकंपों में एक पैटर्न भी देखा है वे समूहों में घटित होते हैं। इससे पता चलता है कि कुछ वैश्विक घटनाएँ हो सकती हैं जो इन विश्वव्यापी भूकंप दलों को ट्रिगर कर रही हैं।

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English summary
Are earthquakes coming to Earth because of the sun?
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