सावरकर पर सियासी घमासान में कूदी लता मंगेशकर, बोलीं- उनसे घनिष्ठ संबंध रहे
सावरकर से मेरे परिवार के घनिष्ठ संबंध रहे: लता मंगेशकर
नई दिल्ली। मशहूर गायिका लता मंगेशकर ने विनायक दामोदर सावरकर को लेकर कहा है कि उनके मेरे परिवार से खास संबंध रहे। हाल ही में शिवसेना और दूसरी पार्टियों की ओर से दिए बयानों को लेकर सावरकर सियासी बहस में हैं। इसी के बीच लता ने उनको लेकर ट्वीट किया है। मंगेशकर ने ट्वीट किया, 'वीर सावरकर जी और हमारे परिवार के बहुत घनिष्ठ संबंध थे। उन्होंने मेरे पिता जी की नाटक कंपनी के लिए नाटक संन्यस्त खड्ग लिखा था। इसका एक गीत तो बहुत लोकप्रिय हुआ।'
सावरकर के लिए पहले भी ट्वीट करती रही है लता
ये कोई पहला मौका नहीं है जब लता मंगेशकर ने वीडी सावरकर के पक्ष में ट्वीट किया है। 28 मई को सावरकर की जयंती पर भी लता ने ट्वीट कर लिखा था, 'आज वीर सावरकर जी की जयंती है। मैं उनके व्यक्तित्व को, उनकी देशभक्ति को प्रणाम करती हूं। आजकल कुछ लोग सावरकर जी के विरोध में बातें करते हैं पर वो लोग ये नहीं जानते कि सावरकर जी कितने बड़े देशभक्त और स्वाभिमानी थे।'
शिवसेना नेता दे रहे सावरकर पर बयान
हाल के दिनों में सावरपकर को लेकर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे कई बार बयान दे चुके हैं। जिससे महाराष्ट्र की राजनीति में उनकी चर्चा है। ठाकरे ने कहा है कि अगर हिंदुत्व के नायक विनायक दामोदर सावरकर उर्फ वीर सावरकर आजादी के समय प्रधानमंत्री बनते तो पाकिस्तान नहीं बनता। उन्होंने वीर सावरकर के लिए मरणोपरांत भारत रत्न की मांग भी की। इससे पहले ठाकरे सावरकर की आलोचना करने वाले को सरेआम पीटने का बयान भी दे चुके हैं।
उद्धव ठाकरे ने वीर सावरकर को भारत रत्न देने की मांग की,'पीएम होते तो पाकिस्तान नहीं बनता'
राहुल, सोनिया को नोटिस
हाल ही में मुंबई की एक अदालत ने सावरकर को कथित रूप से 'राष्ट्रद्रोही' कहने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, सांसद राहुल गांधी और पार्टी के खिलाफ मानहानि की शिकायत की जांच के आदेश दिए है। सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने भोइवाड़ा की अदालत में इस संबंध में एक शिकायत दाखिल की थी। शिकायत में राहुल गांधी और अध्यक्ष सोनिया गांधी को नामजद किया गया है। बता दें कि दक्षिणपंथी दल आजादी की लड़ाई में सावरकर की बड़ी भूमिका कहते रहे हैं। वहीं दूसरे दल और इतिहासकार उनको सजा से बचने के लिए अंग्रेज सरकार को चिट्ठी लिखने और अपने जीवन में लंबे वक्त तक अंग्रेज सरकार के वफादार के तौर पर उनका नाम लिखते हैं।