गणतंत्र दिवस पर अमर जवान ज्योति पर दिया जाएगा शहीदों को दिया जाएगा आखिरी सलाम
नई दिल्ली। हर बार गणतंत्र दिवस की परेड के दौरान अमर जवान ज्योति पर जाकर शहीदों को दिए जाने वाली परंपरा का यह आखिर वर्ष होगा। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से इंग्लिश डेली हिन्दुस्तान टाइम्स की ओर से यह जानकारी दी गई है। सूत्रों ने बताया है कि अगले वर्ष से यह परंपरा नेशनल वॉर मेमोरियल पर पूरी की जाएगी। अमर जवान ज्योति साल 1972 इंडिया गेट के करीब है। यह ज्योति साल 1971 में बांग्लादेश की आजादी के लिए पाकिस्तान से लड़ने वाले शहीदों की याद में जलाई गई थी।
जनवरी 1972 से जल रही है ज्योति
जनवरी 1972 में अमर जवान ज्योति का अनावरण उन 3,843 भारतीय शहीद सैनिकों की याद में किया गया था जिन्होंने 71 की जंग में हिस्सा लिया था। दिसंबर 1971 को हुई इस जंग का मकसद पाकिस्तान से बांग्लादेश को आजाद कराना था। इसे बांग्लादेश लिब्रेशन वॉर का नाम दिया गया था और इसकी शुरुआत तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने की थी। इंडिया गेट जो ब्रिटिश काल में बनाया गया था, वह वर्ल्ड वॉर 1 और एंग्लो-अफगान वॉर में हिस्सा लेने वाले एक मिलियन से भी ज्यादा सैनिकों को सम्मानित करने के लिए बनाया गया था।
नेशनल वॉर मेमोरियल पर होगा कार्यक्रम
नेशनल वॉर मेमोरियन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चुनावों के दौरान किया गया एक अहम वादा था। यह अब लगभग तैयार हो चुका है और यह मेमोरियल करीब 26,000 भारतीय सैनिकों के सम्मान में बना है जिन्होंने आजादी के बाद हुए युद्ध में अपने प्राण गंवा दिए थे। नेशनल वॉर मेमोरियल इंडिया गेट के सी-हेक्सागॉन में है और करीब 40 एकड़ के इलाके में फैला है। इसके चारों ओर अमर, वीर, त्याग और रक्षा के नाम से सर्किल्स बने हुए हैं। यहां पर 1 परमवीर चक्र विजेताओं के बस्ट भी लगे हुए हैं।
लेकिन जलती रहेगी अमर ज्योति
पहले इस वॉर मेमोरियल को गणतंत्र दिवस के पहले खोलने का प्लान था लेकिन सरकार ने इसमें बदलाव कर दिए। माना जा रहा है कि सरकार चुनावों से पहले किसी भी तरह का विवाद नहीं चाहती थी। इसलिए गणतंत्र दिवस पर इसे खोलने का फैसला किया गया। गणतंत्र दिवस के बाद वॉर मेमोरियल को आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा, सूत्रों की ओर से इस बात की जानकारी दी गई है। अमर जवान ज्योति पर जो ज्योति जलती है, वह उसी तरह से जलती रहेगी और यहां पर बाकी कार्यक्रम भी पहले की ही तरह होते रहेंगे।