लश्कर के कैंप में वकास को मिली थी 21 दिन की ट्रेनिंग
दिल्ली पुलिस की रविवार को हुई एक कांफ्रेंस में इस बात का खुलासा किया गया। वकास को दिल्ली पुलिस ने रविवार को नहीं बल्िक उस समय गिरफ्तार किया जब वह एक साजिश का प्लान तैयार करने के लिए अजमेर आ रहा था। वकास को अजमेर स्टेशन से गिरफ्तार किया गया।
आईडी
बनाने
में
भी
एक्सपर्ट
दिल्ली
पुलिस
की
ओर
से
दी
गई
जानकारी
के
मुताबिक
वकास
का
जन्म
1989
में
पाकिस्तान
के
मुस्तफाबाद
में
हुआ
था।
वकास
ने
फैसलाबाद
के
एक
कॉलेज
से
फूड
टेक्नोलॉजी
की
पढाई
की
थी।
वकास
को
लश्कर
के
कैंप
में
21
दिन
की
ट्रेनिंग
दी
गई
थी।
वकास को 21 दिनों तक लश्कर के कैंप में ट्रनिंग दी गई
इसके बाद उसे जैश-ए-मोहम्मद के कैंप में भी ट्रेनिंग मिली। वकास ने यहां पर आईडी बनाने की ट्रेनिंग ली। कराची में वकास की मुलाकात भटकल ब्रदर्स से कराई गई थी।
इंडियन मुजाहिद्दीन में वकास को इसलिए भी लिया गया था ताकि वह दूसरे लोगों को आईडी बनाने का प्रशिक्षण दे सके। यासीन भटकल के निर्देर्शों के तहत वकास ने मुंबई, जामा मस्जिद, पुणे और हैदराबाद में ब्लास्ट्स को अंजाम दिया था।
वकास के अलावा गिरफ्तार किए गए तीन और आतंकी मोहम्मद मारुफ, मोहम्मद वकार अजहर और शाकिब अंसारी को भी पुलिस इंटैरोगेट कर रही है। जहां मारुफ के पास इंजीनियरिंग की डिग्री है तो वहीं वकार जयपुर के जीआईटी इंस्टीट्यूट से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है। शाकिब कंप्यूटर और प्रिटिंग डिजायनर के तौर पर काम करता है।
पुलिस के मुताबिक इन तीनों से पूछताछ जारी है और हो सकता है आने वाले दिनों में कुछ अहम जानकारियां हासिल हो सकें। क्या इन आतंकिेयों का मकसद लोकसभा चुनावों के दौरान कोई बड़ा आतंकी हमला करना था, इस बारे में पुलिस ने कहा कि इस बात के बारे में पूछताछ में ही पता चल सकेगा। पुलिस के मुताबिक इन तीनों ने पिछले एक साल के दौरान ओडिशा, केरल, कर्नाटक और पश्िचम बंगाल की रेकी की थी और राजस्थान के मॉड्यूल को मजबूत करने की कोशिशेों में लगे थे।