रिम्स में लाया गया कोरोना वायरस का संदिग्ध, बिफरे लालू यादव ने पेइंग वार्ड में मरीज को भर्ती नहीं करने दिया
रांची। चारा घोटाले में सजा काट रहे राजद प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव रांची के रिम्स अस्पताल में भर्ती हैं। इसी अस्पताल में कोरोना वायरस के एक संदिग्ध मरीज के लिए आइसोलेशन वार्ड बनाने की जानकारी जैसे ही लालू प्रसाद यादव को मिली, उन्होंने इसपर आपत्ति जताई। दरअसल, रिम्स प्रबंधन मरीज को पेइंग वार्ड में रखना चाहता था, इसी पेइंग वार्ड में पहले फ्लोर पर लालू यादव का भी इलाज चल रहा है।
Recommended Video
रिम्स में लाया गया कोरोना वायरस का संदिग्ध
रांची के रहने वाले पति-पत्नी और पलामू के एक संदिग्ध को कोरोना वायरस की जांच के लिए सैंपल लेने के बाद रिम्स में भर्ती कराया गया था। पति-पत्नी सैंपल देने के बाद रिम्स से चले गए थे लेकिन पलामू निवासी मरीज को डॉ. विद्यापति की यूनिट में भर्ती किया गया था। अस्पताल इस मरीज को पेइंग वार्ड के चौथे फ्लोर पर रखना चाहता था लेकिन लालू प्रसाद इस बात से बिफर गए। इसके बाद रिम्स अधीक्षक को अपना फैसला वापस लेना पड़ा। रिम्स अधीक्षक ने इसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
ये भी पढ़ें: Coronavirus के बारे में बिल्कुल झूठी हैं ये 5 बातें, जिनका सच जानना आपके लिए बेहद जरूरी
लालू की आपत्ति के बाद मरीज को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया
इस मरीज को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया है। वहीं, कोरोना वायरस के संदिग्ध को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किए जाने के बाद से लालू यादव सहमे से हुए हैं। इस मरीज की मेडिकल रिपोर्ट अभी आई नहीं है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुरुवार को लालू यादव सुबह टहलने नहीं निकले। बताया जा रहा है कि लालू यादव आमतौर पर सुबह कॉटेज के गलियारे में टहलते हैं लेकिन गुरुवार को वह पेइंग वार्ड के अपने कमरे में ही रहे।
कोरोना वायरस के 30 केस आए सामने
बता दें कि दुनिया के करीब 60 देशों में दहशत मचाने के बाद भारत में भी खतरनाक कोरोना वायरस ने दस्तक दे दी है। भारत में कोरोना वायरस के कुल 30 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 16 इटली के पर्यटक हैं। हालांकि, भारत सरकार ने कहा है कि इस वायरस को लेकर बहुत ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है और कुछ सावधानियों के जरिए इसकी चपेट में आने से बचा जा सकता है। वहीं, सरकार की तरफ से इस बात की जानकारी दी गई है कि जो यात्री इटली या फिर दक्षिण कोरिया की यात्रा से लौटे हैं उन्हें एक 'नो कोरोना' सर्टिफिकेट लेना होगा।