राज्यसभा जाने की जुगत लड़ाने की बात पर क्या बोलीं लालू यादव की छोटी बेटी राहिणी
नई दिल्ली। बिहार के पूर्व सीएम और राजद के मुखिया लालू यादव की बेटी रोहिणी ने खुद के राजनीति में आने की बात को नकार दिया है। हाल ही में इस तरह की कुछ रिपोर्ट मीडिया के एक धड़े में आई थीं, जिनमें दावा किया गया था कि रोहिणी राज्यसभा जाने के लिए कोशिश कर रही हैं। इस पर फेसबुक पोस्ट लिख रोहिणी ने अपने राजनीति में आने की बात को गलत कहा है।
फेसबुक पर लिखी लंबी पोस्ट
रोहिणी ने हिन्दुस्तान टाइम्स की खबर का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए फेसबुक पर लिखा- साथियों, हिन्दुस्तान टाइम्स ने राज्यसभा सीट को लेकर मेरा नाम जोड़ा है. मैं स्पष्ट करना चाहती हूँ कि सक्रिय राजनीति में आने का मेरा कोई इरादा नहीं है। बिहार मेरा घर है. मेरी भावना है. मेरी जन्मभूमि है। जाहिर है आना-जाना लगा रहेगा. पापा और परिवार से मिलने पटना आती रहती हूँ. मेरे पटना आने को सांसद-विधायक बनने की महत्वाकांक्षा से न जोड़ा जाये. मीडिया वालों से अनुरोध है बिना जानकारी के कुछ भी न लिखें।
यह जरूरी नहीं है कि सिर्फ सांसद, विधायक बनना ही राजनीति है। लोगों के हक-अधिकार के लिए आवाज उठाना सामाजिक एवं राष्ट्रीय कर्तव्य है। मैं राजनीतिक परिवार से हूँ , राजद सामाजिक न्याय की वकालत करने वाला ऐतिहासिक राजनीतिक दल है। स्पष्ट है कि मैं पार्टी का समर्थन करती हूँ. सोशल मीडिया पर लिखना , लोगों की आवाज बुलंद करना, पार्टी को सहयोग करना, पापा का ख्याल रखना, मीसा दीदी-तेज-तेजस्वी को सहयोग करना मेरा उद्देश्य है. यह मैं करती रहूँगी। बिहार के स्वाभिमान की रक्षा के लिए मैं आवाज उठाती रहूँगी. मीडिया वालों से अनुरोध है मनगढ़ंत बातों को न लिखें।
कई दिनों से चल रही थी खबर
कुछ मीडिया हाउस ये दावा किर रहे थे कि रोहिणी राज्यसभा में जाना चाहती हैं और उनकी निगाह अगले साल अप्रैल खाली होने वाली राज्यसभा की सीट पर है। रोहिणी अपने पति समरेश सिंह के साथ सिंगापुर में रहती हैं। हालांकि वो सोशल मीडिया पर लगातार राजद के पक्ष में लिखती रहती हैं।
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पूरा परिवार है सियायत में
रोहिणी के सियासत में आने को लेकर इसलिए भी हवा तेजी से उड़ी क्योंकि उनका पूरा परिवार ही राजनीति करता है। पिता लालू यादव और मां राबड़ी देवी बिहार की सीएम रह चुकी हैं। बड़ी बहन मीसा राज्यसभा सांसद हैं। भाई तेजस्वी और तेजप्रताप विधायक हैं। दोनों ही राज्य सरकार में मंत्री भी रहे हैं। लालू यादव को बिहार की राजनीति में एक अहम धुरी माना जाता रहा है।