लालू की सेहत में सुधार, सफेद लुंगी और ब्लू टीशर्ट में हॉस्पिटल में टहलते देखे गए, आप भी देखिए तस्वीरें
नई दिल्ली। चारा घोटाला मामले में सजा काट रहे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की सेहत में सुधार हो रहा है। झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स (RIMS) में लालू यादव का इलाज चल रहा है। हाई ब्लड प्रेशर और अनियंत्रित ब्लड शुगर से परेशान लालू प्रसाद को डॉक्टरों ने टहलने की सलाह दी थी। लेकिन इंफेक्शन और चक्कर आने और पैर में जख्म के चलते वह टहल नहीं पा रहे थे। अब लालू यादव की सेहत में सुधार हुआ है और वो टहलना शुरू कर दिए हैं। रविवार को लालू रिम्स पेइंग वॉर्ड के कॉरिडोर में टहलते नजर आए। इस दौरान लालू के चेहरे पर मुस्कान भी थी। उनके साथ डॉक्टर डीके झा भी थे।
लालू प्रसाद यादव 30 अगस्त से भर्ती हैं
इलाज कर रहे डॉ. डीके झा ने कहा कि लालू प्रसाद यादव 30 अगस्त से भर्ती हैं। इस दौरान अब तक उनको 4 बार इन्फेक्शन हो चुका है। उन्होंने कहा कि हम लोग उन्हें डाइट चार्ट फॉलो करवा रहे हैं। नॉनवेज पूरी तरह बंद करवा दिया गया है। इंसूलिन देकर शुगर कंट्रोल किया जा रहा है। उन्होंने बताया है कि उनके हार्ट का वाल्व चेंज हुआ है। इस कारण बार-बार का इंफेक्शन होने से चिंता होती है। आपको बता दें कि लालू के बेटे तेज प्रताप के पटना सिविल कोर्ट में तलाक की अर्जी कोर्ट में लगाने के बाद तेजप्रताप अपने पिता लालू प्रसाद यादव से मिलने रिम्स आये थे। इस दौरान पिता-पुत्र में करीब पौने तीन घंटे तक लंबी बात हुई थी। इसके बाद से वे काफी तनाव में थे।
उम्र और बीमारियों के आधार पर जमानत की मांग
लालू प्रसाद यादव दिसंबर 2017 से जेल में हैं। हालांकि, इस बीच लालू को इलाज के लिए हाई कोर्ट से कई बार औपबंधिक जमानत भी मिल चुकी है। हाई कोर्ट ने 27 अगस्त 2018 को उनकी औपबंधिक जमानत खारिज करते हुए 30 अगस्त को कोर्ट में सरेंडर करने का निर्देश दिया था। इसके बाद से लालू रिम्स में इलाजरत हैं। लालू ने 11 दिसंबर को हाईकोर्ट में एक हस्तक्षेप याचिका दायर कर जमानत की मांग की है। उन्होंने मेरिट के अलावा अपनी उम्र और बीमारियों के आधार पर जमानत की मांग की है।
कई तरह की बीमारी है लालू को
याचिका में उन्होंने बताया है कि उनकी उम्र 71 वर्ष हो चुकी है। उन्हें कई तरह की बीमारियां हैं। इलाज रिम्स के अलावा दिल्ली और मुंबई में भी चल रहा है। उनकी रिपोर्ट और निचली अदालत के आदेश को देखते हुए जमानत दी जाए। उन्होंने यह भी बताया है कि निचली अदालत ने उनके मामले में सुनवाई के दौरान कई तथ्यों को नजरअंदाज किया, उन्हें गलत तरीके से दोषी करार दिया गया है। वे निर्दोष हैं।