लालू यादव की एक और बेटी आएंगी राजनीति में! राज्यसभा सीट पर है नजर
पटना। लालू यादव की एक और डॉक्टर बेटी राजनीति में आने की तैयारी कर रही हैं। उनकी नजर अगले साल होने वाले राज्यसभा चुनाव पर है। राजद के अंदरखाने में चल रही चर्चा के मुताबिक वे राज्यसभा में जाना चाहती हैं। लालू यादव की बड़ी बेटी डॉ. मीसा भारती, पुत्र तेजप्रताप और तेजस्वी पहले से सक्रिय राजनीति में है। राबड़ी देवी खुद विधान पार्षद हैं। अब लालू यादव की एक और बेटी रोहिणी आचार्य भी इस जमात में शामिल होना चाहती हैं। लालू परिवार में पहले से उत्तराधिकार के लिए लड़ाई चल रही है। तेजस्वी, तेजप्रताप और मीसा भारती के बीच राजद पर वर्चस्व के लिए होड़ चल रही है। अब अगर इसमें घर के किसी चौथे सदस्य की एंट्री होती है तो स्थितियां और उलझ सकती हैं। रोहिणी, लालू यादव की नौ संतानों में दूसरे नम्बर पर हैं।
2020 में राज्यसभा की पांच सीटों पर चुनाव
अप्रैल 2020 में बिहार से राज्यसभा की पांच सीटें खाली हो रही हैं। जब इन रिक्त सीटों पर चुनाव होगा तो 80 विधायकों वाले राजद को एक सीट जरूर मिल सकती है। इस सीट के लिए लालू यादव की दूसरी बेटी रोहिणी आचार्य दिलचस्पी दिखा रही हैं। रोहिणी अपने पति समरेश सिंह के साथ सिंगापुर में सेट्ल हैं। उनके सॉफ्ट इंजीनियर पति मल्टी नेशनल कंपनी में मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। लेकिन रोहिणी लोकसभा चुनाव के समय से ही कई दफा पटना आ चुकी हैं। उन्होंने लोकसभा चुनाव में सोशल मीडिया के जरिये राजद के लिए जोरदार अभियान चलाया था। इस बीच उन्होंने रांची जा कर लालू प्रसाद से मुलाकात भी की थी। रोहिणी खुद डॉक्टर हैं इसलिए उन्होंने लालू यादव के इलाज की भी जानकारी ली थी। रोहिणी अभी भी सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं। चमकी बुखार से करीब दो सै बच्चों के मरने की घटना पर उन्होंने ट्वीट कर राज्य सरकार की खिंचाई की थी। जब मीसा भारती से रोहिणी के राजनीति में आने पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इसकी मुझे कोई जानकारी नहीं हैं।
2016 में जिद के आगे झुके थे लालू
2016 में राज्यसभा चुनाव के समय लालू यादव को जिद आगे अपना फैसला बदलना पड़ा था। उस समय लालू ने दो सीटों में से एक पर दिग्गज वकील राम जेठमलानी और दूसरी पर राबड़ी देवी को राज्यसभा में भेजने का मन बनाय था। लेकिन कहा जाता है कि मीसा भारती ने खुद राज्यसभा में जाने की जिद पकड़ ली थी। 2014 के लोकसभा चुनाव में वे पाटलिपुत्र सीट पर चुनाव हार गय़ी थीं। अंत में लालू को झुकना पड़ा था। आखिरकार मीसा भारती राज्यसभा संसद बनीं। अब रोहिणी के राज्यसभा चुनाव लड़ने की चर्चा से राजद के वरिष्ठ नेताओं की उम्मीदों पर पानी फिरता दिख रहा है। राजद में शरद यादव, शिवानंद तिवारी, रघुवंश प्रसाद सिंह और जगदानंद सिंह जैसे नेता अभी किसी सदन के सदस्य नहीं हैं। पार्टी के कई और नेता मेहनत का 'फल' खाना चाहते हैं। पार्टी में दूसरी पंक्ति के नेताओं का कहना है कि अगर 2020 में लालू यादव को फिर किसी पारिवारिक जिद का सामना करना पड़ा तो 2016 की पुनरावृति हो सकती है।
रोहिणी को डिप्टी सीएम बनाने की चली थी चर्चा
2017 में जब रेलवे टेंडर घोटला में तत्कालीन डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को आरोपी बनाया गया था तब सीएम नीतीश ने उन पर इस्तीफा देने का दवाब बनाया था। इस घोटला में लालू परिवार के कई सदस्यों के नाम आये थे। तब इस बात की चर्चा चली थी कि लालू परिवार में रोहिणी पर कोई आरोप नहीं है और डॉक्टर होने के नाते उनकी पृष्ठभूमि भी प्रभावशाली है, इस लिए उनको डिप्टी सीएम बना दिया जाए। लेकिन तेजस्वी इस्तीफा नहीं देने की जिद पर अड़े रहे। राजद के कई नेता आज भी इस बात को स्वीकार करते हैं कि अगर जुलाई 2017 में रोहिणी को डिप्टी सीएम बना दिया जाता तो नीतीश के साथ आज भी राजद की सरकार चलती रहती। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कहा जाता है कि इस चर्चा ने ही रोहिणी के मन राजनीतिक महात्वाकांक्षा को उभारा था। रोहिणी ने जमशेदपुर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई की है। रोहिणी जब एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही थीं उसी समय आयकर अधिकारी राय रणविजय सिंह के पुत्र समरेश सिंह से उनकी शादी हुई थी।