जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने पर लाल कृष्ण आडवाणी ने क्या कहा
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) के संस्थापक सदस्यों में से एक लाल कृष्ण आडवाणी ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 पर हटाने पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने मोदी सरकार के फैसले की सराहना की। उन्होने इस फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इससे जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के विकास को बल मिलेगा। गौरतलब है कि राज्यसभा में आज अमित शाह ने ऐलान किया कि जम्मू-कश्मीर में लागू 370 हटाने हटा दी गई है।
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आडवाणी ने आर्टिकल 370 हटने पर क्या कहा?
बीजेपी के दिग्गज नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने बयान जारी कर कहा कि मैं सरकार के अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले से काफी खुश हूं और मैं विश्वास करता हूं कि देश की एकता को मजबूत करने के लिए ये साहसिक कदम है। जनसंघ की स्थापना के समय से ही जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म करना हमारी प्रमुख विचारधारा का हिस्सा है। जो बाद में बीजेपी की भी प्रमुख मांग रही।
मोदी-शाह को दी बधाई
आडवाणी ने अपने बयान में आगे कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को इस एतिहासिक पहल के लिए बधाई देता हूं। मैं जम्मू, कश्मीर और लद्दाख में शांति, विकास और शुखहाली के लिए प्रार्थना करता हूं। गौरतलब है कि जनसंघ के बाद 1980 में बीजेपी की स्थापना हुई तो धारा 370 की समाप्ति उनके एजेंडे का प्रमुख मुद्दा था। हाल ही में संपंन्न लोकभा चुनाव में तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष शाह ने कहा था कि सरकार बनने के 100 दिनों के अंदर कश्मीर से धारा 370 समाप्त कर देंगे।
राष्ट्रपति की और से जारी हुआ आदेश
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की ओर से जारी संवैधानिक आदेश में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने की घोषणा की गई। इसकी घोषणा देश के गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में की। पीडीपी प्रमुख और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने मोदी सरकार के फैसले का विरोध करते हुए ट्वीट किया कि आज भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला दिन है। नेशनल कांफ्रेस के नेता उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार के राज्य से अनुच्छेद 370 हटाने को अंसवैधानिक और अवैध बताया। उन्होंने कहा कि नेशनल कांफ्रेस इस फैसले को चुनौती देगी।
जम्मू-कश्मीर दो केंद्रशासित प्रदेश में बंटा
केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को खत्म करने के साथ ही एक और बड़ा फैसला लिया है। जम्मू-कश्मीर को अब दो केंद्र शासित प्रदेश में बांट दिया गया है। अब जम्मू-कश्मीर एक और लद्दाख दूसरा केंद्र शासित प्रदेश होगा। वहीं सरकार ने फैसला लिया कि लद्दाख में कोई विधानसभा नहीं होगी जबकि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा होगी। गौरतलूब है कि राज्यसभा में भारी हंगामे के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अनुच्छेद 370 के तहत संविधान में कश्मीर को मिला विशेष दर्जा खत्म करने का प्रस्ताव पेश किया।