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लद्दाख की पैंगोंग झील के इस हिस्‍से से चीनी सेना का जाना ही तय करेगा Indian Army की सफलता

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नई दिल्‍ली। भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में स्थित लाइन ऑफ एक्‍चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर चीन की तरफमोल्‍डो में हुई कोर कमांडर स्‍तर की वार्ता में दोनों पक्षों के बीच पीछे हटने पर रजामंदी बनी है। सेना की तरफ से 22 जून को मोल्‍डो में भारत और चीन के बीच हुई कोर कमांडर स्‍तर की बातचीत पर कहा गया है कि भारत और चीन के बीच कोर कमांडर स्‍तर की वार्ता सकारात्‍मक रही है। छह जून की ही तरह सोमवार को दोनों देशों के आर्मी कमांडर्स के बीच हुई मीटिंग काफी लंबी चली थी।

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फिंगर एरिया पर लाव-लश्‍कर के साथ चीनी जवान

फिंगर एरिया पर लाव-लश्‍कर के साथ चीनी जवान

विशेषज्ञ मान रहे हैं कि पैंगोग त्‍सो का फिंगर एरिया वह इलाका है जहां पर चीन की सेनाएं अड़ी हुई हैं। सोमवार को दोनों देशों के कमांडर्स के बीच जो मीटिंग हुई है, उसमें पैंगोग झील के उत्‍तरी किनारे पर स्थित फिंगर एरिया से भी पीछे हटने को लेकर सहमति बनी है। लेकिन जब तक चीन की सेनाएं फिंगर एरिया से पीछे नहीं हटती हैं तब तक सफलता तय नहीं मानी जा सकती हैं। पीपुल्‍स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) ने फिंगर 4 और फिंगर 8 के बीच स्‍थायी तौर पर बंकर्स और ऑब्‍जर्वेशन पोस्‍ट बना ली है। सूत्रों की मानें तो फिंगर 8 से उनके बंकर्स और पोस्‍ट का हटाना डिसएंगेजमेंट की सबसे मुश्किल प्रक्रिया होगी। फिंगर एरिया में आठ चोटियां हैं और ये सभी पैंगोंग त्‍सो से साफ नजर आती हैं। ये फिंगर एरिया सरीजाप रेंज के तहत आता है।

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तीन सेक्‍टर्स में बंटी भारत-चीन सीमा

तीन सेक्‍टर्स में बंटी भारत-चीन सीमा

भारत का मानना है कि चीन के साथ लगी एलएसी करीब 3,488 किलोमीटर की है, जबकि चीन का कहना है यह बस 2000 किलोमीटर तक ही है। एलएसी दोनों देशों के बीच वह रेखा है जो दोनों देशों की सीमाओं को अलग-अलग करती है। एलएसी तीन सेक्‍टर्स में बंटी हुई है जिसमें पहला है अरुणाचल प्रदेश से लेकर सिक्किम तक का हिस्‍सा, मध्‍य में आता है हिमाचल प्रदेश और उत्‍तराखंड का हिस्‍सा और पश्चिम सेक्‍टर में आता है लद्दाख का भाग। दोनों देशों के बीच पूर्वी सेक्‍टर में मैक्‍मोहन रेखा है और यहीं पर स्थिति को लेकर विवाद है। भारत और चीन के बीच पूर्वी सेक्‍टर में जो एलएसी है, वहीं भारत की अंतरराष्‍ट्रीय सीमा भी है। लेकिन कुछ हिस्‍से जैसे लोंग्‍जू और एसाफिला तक ही यह सीमा है। मध्‍य क्षेत्र में भी एलएसी को लेकर विवाद है लेकिन संक्षिप्‍त में बॉर्डर बाराहोटी मैदान तक है।

पैंगोंग झील पर अक्‍सर होती है झड़प

पैंगोंग झील पर अक्‍सर होती है झड़प

छह मई को पहले यहीं पर चीन और भारत के जवान भिड़े थे। झील का 45 किलोमीटर का पश्चिमी हिस्‍सा भारत के नियंत्रण में आता है जबकि बाकी चीन के हिस्‍से में है। पूर्वी लद्दाख एलएसी के पश्चिमी सेक्‍टर का निर्माण करता है जो कि काराकोरम पास से लेकर लद्दाख तक आता है। उत्‍तर में काराकोरम पास जो करीब 18 किलोमीटिर लंबा है और यहीं पर देश की सबसे ऊंची एयरफील्‍ड दौलत बेग ओल्‍डी है। अब काराकोरम सड़क के रास्‍ते दौलत बेग ओल्‍डी से जुड़ा है। दक्षिण में चुमार है जो पूरी तरह से हिमाचल प्रदेश से जुड़ा है। पैंगोंग झील, पूर्वी लद्दाख में 826 किलोमीटर के बॉर्डर के केंद्र के एकदम करीब है। 19 अगस्‍त 2017 को भी पैंगोंग झील पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच झड़प हुई।

क्‍या है झील के करीब स्थित फिंगर्स

क्‍या है झील के करीब स्थित फिंगर्स

पिछले कुछ वर्षों में चीन की सेना पैंगोंग झील के किनारे पर पर सड़कों का निर्माण कर लिया है। सन् 1999 में जब कारगिल की जंग जारी थी तो उस समय चीन ने मौके का फायदा उठाते हुए भारत की सीमा में झील के किनारे पर पांच किलोमीटर तक लंबी सड़क का निर्माण कर लिया था। झील के उत्‍तरी किनारे पर बंजर पहाड़ियां हैं जिन्‍हें छांग छेनमो कहते हैं। इन पहाड़ियों के उभरे हुए हिस्‍से को ही सेना 'फिंगर्स' के तौर पर बुलाती है। भारत का दावा है कि एलएसी की सीमा फिंगर आठ तक है लेकिन वह फिंगर 4 तक के इलाके को ही नियंत्रित करती है।

क्‍या है फिंगर 4 और फिंगर 8

क्‍या है फिंगर 4 और फिंगर 8

फिंगर 8 पर चीन की बॉर्डर पोस्‍ट्स हैं। जबकि वह मानती है कि एलएसी फिंगर 2 से गुजरती है। करीब छह साल पहले चीन की सेना ने फिंगर 4 पर स्‍थायी निर्माण की कोशिश की थी। इसे बाद में भारत की तरफ से हुए कड़े विरोध के बाद गिरा दिया गया था। फिंगर 2 पर पेट्रोलिंग के लिए चीन की सेना हल्‍के वाहनों कार प्रयोग करती है और यहीं से वापस हो जाती है। गश्‍त के दौरान अगर भारत की पेट्रोलिंग टीम से उनका आमना-सामना होता है तो उन्‍हें वापस जाने को कह दिया जाता है। यहीं पर कनफ्यूजन हो जाता है क्‍योंकि वाहन ऐसी स्थिति में होते हैं कि वो टर्न नहीं ले सकते हैं।

English summary
Ladakh's Pangong Finger area is a big challenge for Indian Army along LAC.
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