Ladakh:ITBP और गांव वालों ने चीन के जवानों को भगाया, इस मकसद से भारतीय सीमा में घुसे थे
नई दिल्ली- चीन (China) की सेना के जवानों का एक ग्रुप हाल ही लद्दाख इलाके में भारतीय सीमा के अंदर घुस आया था। पीएलए (PLA) के ये सैनिक सामान्य कपड़ों में थे और दो वाहनों में बैठकर लद्दाख के न्योमा इलाके के चैंगथांग गांव तक आ गए थे। यह इलाका लद्दाख (Ladakh) की राजधानी लेह (Leh) से 135 किलोमीटर पूरब में है। रविवार को स्थानीय निवासियों ने उनका एक वीडियो जारी किया है। दरअसल, चीन के ये सैनिक स्थानीय खानाबदोशों को उस इलाके में जानवरों को घास चराने से रोकने के लिए आए थे। लेकिन, चीनियों को गांव वालों का इतना सख्त विरोध झेलना पड़ा कि वो उलटे पांव भागने को मजबूर हो गए। गांव वालों ने उनकी इस हरकत की जानकारी कुछ दिन पहले ही आईटीबीपी (ITBP) को भी दे रखी थी।
भारतीय गांव में घुस आए चीनी सैनिकों को भगाया
इस मामले को लेकर जो वीडियो चल रहा है उसमें चीन के दो वाहन दिख रहे हैं, जिसमे पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (PLA)के जवान सामान्य कपड़ों में नजर आ रहे हैं। जब वे भारतीय इलाके में घुसे थे तब उनके पास कुछ प्रचार सामग्रियां भी मौजूद थीं। लेकिन, आईटीबीपी के जवानों और स्थानीय गांव वालों ने उनका ऐसा विरोध किया कि वह फौरन भाग खड़े हुए। जो वीडियो वायरल हुए हैं, उसमें उनके दो वाहन दिख रहे हैं, जिसके पीछे गांवों वालों और आईटीबीपी (ITBP)के जवान जमा हैं। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक उसने आईटीबीपी के अधिकारियों से इस घटना को लेकर संपर्क करने की काफी कोशिश की, लेकिन उन्होंने बात करने से इनकार कर दिया। जबकि, लेह में तैनात अधिकारियों का फोन बंद जा रहा था। यह बात सही है कि गांव वालों और आईटीबीपी (ITBP)की सजगता के चलते चीन के जवानों को इलाका छोड़कर भागना पड़ा, लेकिन इस घटना से यह भी लगता है कि चीन भारत को सिर्फ बातचीत में उलझाकर रखना चाहता है, उसका खतरनाक मंसूबा बिल्कलु भी नहीं बदला है।(चीनी सैनिकों के भागने वाली तस्वीरे सोशल मीडिया से ली गई है, वन इंडिया इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता)
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पहले भी जानवर चुराने के लिए भी आते रहे हैं चीनी सैनिक
दरअसल, वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास भारतीय इलाके में चीन की सेना की ओर से स्थानीय खानाबदोशों (Namads)या चरवाहों को परेशान करने की कोशिश का यह कोई पहला मामला नहीं है। पीएलए के जवानों पर कई बार उनके जानवर चुराकर ले जाने के आरोप लग चुके हैं। चीनी सैनिकों को गरीब खानाबदोशों (Namads)के घोड़े, भेड़ या याक जो भी नजर आते हैं, उसे ही उठाकर भाग निकलते हैं। बता दें कि यहां की चंगपा एक ऐसी खानाबदोश जनजाति है, जिनका झुंड पश्मीना बकरियां पालने के लिए दुनिया भर में मशहूर है।
बातचीत में उलझाकर खतरनाक मंसूबे में लगा है चीन?
लद्दाख का चैंगथांग मूल रूप से तिब्बती शरणार्थियों का बसेरा है। रुश्पो घाटी में स्थित यह स्थान समुद्र तल से 14,600 मीटर की ऊंचाई पर है और यह चंगपा खानाबदोशों का भी ठिकाना है। गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच लद्दाख में पिछले 8 महीने से तनाव की स्थिति बनी हुई है और दोनों देशों के सैनिक एक-दूसरे के आमने-सामने हथियारों का मुंह खोलकर तैनात खड़े हैं। खासकर वास्तविक नियंत्रण रेखा के पैंगोंग झील, चुशूल और गोगरा-हॉट्स्प्रिंग इलाकों में अभी भी तनाव की स्थिति कायम है।
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