लद्दाख: डेपसांग के पास मौजूद अपने कैंप को चीन ने किया अपग्रेड, सेटेलाइट इमेज से खुली पोल
नई दिल्ली: पिछले 10 महीनों से भारत और चीन के बीच लद्दाख में सीमा विवाद जारी है। हाल ही में चीनी सेना कुछ विवादित इलाकों को छोड़कर पीछे हट गई थी। अब डेपसांग इलाके में स्थित चीनी सेना की स्थाई पोस्ट की तस्वीरें सामने आई हैं, जिसको सिंथेटिक एपर्चर रडार (SAR) से लिया गया है। चीन की ये पोस्ट भारत की सबसे ऊंची हवाईपट्टी दौलत बेग ओल्डी से 24 किलोमीटर दूर है। इस पोस्ट को ऑल वेदर पोस्ट के नाम से भी जाना जाता है, जहां पर पिछले कुछ सालों में बड़े अपग्रेड देखे गए हैं।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक ये पोस्ट 1962 में बनाई गई थी। तब से चीन इस पर विशेष ध्यान दे रहा है। अब जो फोटोज सामने आई हैं, उसमें देखा जा सकता है कि चीनी सेना ने मुख्य इमारत में अतिरिक्त निर्माण किया है। साथ ही वहां पर अगस्त 2020 से कैंप, वाहन और फेंसिंग भी दिख रहे हैं। हाल ही में चीन और भारत ने पूर्वी लद्दाख के गलवान और पैंगोंग त्सो इलाके में चरणबद्ध तरीके से डिसइंगेजमेंट किया था, हालांकि डेपसांग में कम से कम एक इलाके में विवाद जारी है।
इस बार जो हाई रिजॉल्यूशन इमेज सामने आई है, वो 25 फरवरी की रात को अमेरिका एजेंसी Capella स्पेस ने ली है। मौजूदा गतिरोध के दौरान चीनी सेना अपने टैंकों और सैनिकों को भारतीय पोस्ट के करीब ले आई थी। अभी चीन की Tianwendian पोस्ट पर एयर डिफेंस सिस्टम, अतिरिक्त सेल्टर्स, रिइंफोर्समेंट के लिए वाहनों की सुविधा मौजूद है, जो पीएलए को इलाके में मदद प्रदान करते हैं। वहीं नए अतिरिक्त शिविरों का निर्माण गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद जुलाई में देखा गया था।
अब पोस्ट पर मुख्य दो मंजिला इमारत कई अस्थायी शिविरों और सेल्टर्स से घिरी नजर आ रही है। इसके अलावा नई सपोर्ट बिल्डिंग, निगरानी पोस्ट और टॉवर्स भी फोटो में नजर आ रहे हैं। आपको बता दें कि आमतौर पर ऑप्टिकल सेटेलाइट को किसी इलाके की फोटो लेने के लिए धूप का होना जरूरी होता है, जबकि SAR रात के अंधेरे में भी आसानी से फोटो ले सकता है, चाहे इलाके में कैसा भी मौसम क्यों ना हो।
(फोटो- प्रतीकात्मक)