Ladakh:जिस DBO रोड के चलते चीन ने शुरू किया फसाद, BRO इसी महीने कर देगा तैयार
नई दिल्ली- इस साल मई महीने से चीन ने लद्दाख में जो भारत के साथ संघर्ष की स्थिति पैदा की हुई है, उसकी एक वजह दौलत बेग ओल्डी सड़क के निर्माण का भी कार्य है। चीन नहीं चाहता था कि भारत यह सड़क बनाए। क्योंकि, इस सड़क के निर्मित होते ही उस इलाके में भारतीय सेना की स्थिति और मजबूत हो जाएगी। चीन ने देपसांग प्लेन इलाके से लेकर पूर्वी लद्दाख तक में जो तनाव की स्थिति बनाकर रखने की कोशिश की है, उसमें एक बड़ा मकसद यह भी था कि भारत किसी तरह सामरिक दृष्टिकोण से बेहद ही महत्वपूर्ण डीओबी पर काम छोड़ दे। लेकिन, सीमा सड़क संगठन ने अपना काम रात-दिन जा रखा है। इलाके में युद्ध के हालात पैदा किए जाने के बावजूद यह काम अक्टूबर के आखिर तक पूरा होने वाला है।
लद्दाख में चीन को चिढ़ाने वाला डीओबी रोड इस महीने होगा तैयार
सीमा सड़क संगठन लद्दाख में सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण दौलत बेग ओल्डी सड़क के निर्माण का काम इस महीने के आखिर तक पूरा कर देगा। लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा से सटी इस सड़क के पुनर्निमाण का काम पिछले कुछ महीनों से काफी तेजी से चल रहा है और चीन ने पिछले मई महीने से जो लद्दाख के कुछ इलाकों में एलएसी के पास घुसपैठ की कोशिश शुरू की है, उसके पीछे ये भी एक बड़ी वजह है। डीओबी सड़क निर्माण का काम ड्रैगन की आंखों में शुरू से खटक रहा है। गौरतलब है कि दारबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी सड़क का निर्माण इसलिए बेहद महत्ववूर्ण है, क्योंकि इसके बनने से सेना के वाहन और भारी टैंक वास्तविक नियंत्रण रेखा के करीब इस इलाके में तेजी से पहुंच सकते हैं।
अक्टूबर के अंत तक ब्लैक टॉपिंग का काम पूरा होगा
दौलत बेग ओल्डी सड़क में अब निर्माण का कार्य अंतिम दौर में है और एक तरह से फिनिशिंग टच देने का काम चल रहा है। सीमा सड़क संगठन के डीजी लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा है कि 'इस महीने के अंत तक डीबीओ रोड पर ब्लैक टॉपिंग का काम पूरा कर लिया जाएगा। डीबीओ रोड के अलावा डेमचोक और कारगिल के प्रोजेक्ट पर भी काम जारी है। पूर्वी और पश्चिमी लद्दाख में कई सारी सड़कें तैयार हो रही हैं। ' असल में बीआरओ इस लक्ष्य के साथ काम पर जुटा हुआ है कि सभी मौसम में संपर्क वाले इलाके में सामरिक रूप से महत्वपूर्ण हर प्रोजेक्ट को तीन साल के अंदर पूरा कर लिया जाए।
भारी सैन्य वाहन और टैंक गुजरने लायक पुल
दारबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी रोड की अहमियत इस बात से ही समझी जा सकती है इसे अब इस तरह से तैयार किया गया है कि इसपर टैंक और सेना के भारी वाहन गुजर सकें। हाल में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक इस सड़क पर जितने भी पुल और पुलिया मौजूद हैं, उन्हें क्लास 70 के स्तर की मजबूती दी जा रही है। यानि क्लास 70 स्तर वाले पुलों और पुलिया से 70 टन वजनी वाहन और टैंक आसानी से हर मौसम गुजर सकते हैं। वास्तविक नियंत्रण रेखा से सटे इलाकों में पिछले तीन-चार वर्षों से चल रहे इन्हीं निर्माण कार्यों से ड्रैगन परेशान है। क्योंकि, इससे पहले भारतीय सेना के लिए आसानी से एलएसी तक हर मौसम में पहुंचना काफी मुश्किल था। जबकि, चीन तो 1950 की दशक से ही उस इलाके में अपना इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत कर रहा है और आज की तारीख में एलएसी के उसपार चीन ने अपने संसाधनों को बहुत ही मजबूत बना रखा है। (तस्वीरें सांकेतिक)
अटल सुरंग से लद्दाख को हर मौसम कनेक्टिविटी
शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश के रोहतांग में 10,040 फीट की ऊंचाई पर जो दुनिया की सबसे लंबी हाईवे सुरंग यानि अटल टनल का उद्घाटन किया है, वह भी लद्दाख में हर मौसम कनेक्टिविटी उपलब्ध करवाने की ही एक कड़ी है। 9 किलोमीटर लंबा अटल टनल लाहौल-स्पीति को सालभर कनेक्टिविटी उपलब्ध करवाएगा, जो ठंड के दिनों में 5 से 6 महीने तक कटा रहता था। यह सुरंग आम लोगों के लिए तो सुविधाजनक है ही, आर्मी के मूवमेंट के लिए भी कारगर है, जिससे काफी समय बचना तय है। जानकारी के मुताबिक कुछ साल के अंदर लद्दाख को एक और सुरंग से कनेक्टिविटी मिल सकती है, वह है निम्मु-दारचा-पदम रोड। 5 किलोमीटर लंबी सुरंग भी लद्दाख को हर मौसम में कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने में सक्षम होगा।
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