पड़ोस में वित्तीय ज्ञान की कमी, पीएम को विमान के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है: राजनाथ सिंह
नई दिल्ली। पाकिस्तान की हर दिन बढ़ती गरीबी किसी से छिपी नहीं है। चाहे फिर वहां भारी कीमत में मिल रहा सामान हो या फिर देश को चलाने के अंतरराष्ट्रीय संगठनों से कर्ज लेना हो। अब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इसपर अपनी बात कही है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान में वित्तीय ज्ञान की कमी है, जिसके कारण उनके प्रधानमंत्री को विमान के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है।
रक्षा मंत्री ने कहा, 'हमारे पास हमारे पड़ोस में वित्तीय ज्ञान की कमी का एक उदाहरण मौजूद है। सैन्यीकरण और गलत नीतियों पर अत्यधिक ध्यान देने से उन्हें ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। उनके प्रधानमंत्री को वैश्विक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए विमान की व्यवस्था करने के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है।' रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ये बात दिल्ली में कही है।
Defence Minister Rajnath Singh in Delhi: We have an example of lack of financial wisdom in our neighbourhood. Excessive focus on militarisation & wrong policies has led them to a situation where their PM has to struggle to arrange for plane to attend global events. pic.twitter.com/RRXijdA0JN
— ANI (@ANI) October 1, 2019
बता दें पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान हाल ही में अपने विमान के बजाय सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के विशेष विमान से अमेरिका पहुंचे थे। अमेरिका यात्रा के लिए अपने देश की जगह दूसरे देश का विमान इस्तेमाल करने पर सफाई देते हुए पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने दावा किया था कि सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने इमरान खान से कहा था कि, 'आप मेरे खास मेहमान हैं और आप मेरे विशेष विमान से ही अमेरिका जाएंगे।'
गौरतलब है कि इमरान खान सऊदी अरब से न्यूयॉर्क रवाना हुए थे, जहां वे संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र में शरीक होने के लिए गए थे। क्रिकेटर से पाकिस्तानी प्रधानमंत्री बने इमरान ने यहां 27 सितंबर को यूएनजीए के सत्र को संबोधित किया था।
जहां पाकिस्तान की ओर से पहले ही स्पष्ट किया जा चुका था कि उसका एजेंडा कश्मीर में हुए भारत के संवैधानिक स्थिति के बदलाव को लेकर रहेगा। वहीं भारत ने साफ कर दिया था कि इमरान से पहले पीएम मोदी जो भाषण देंगे, उसमें भारत एक जिम्मेदार देश होने के नाते विश्व में विकास, शांति, पर्यावरण और सुरक्षा जैसे अंतरराष्ट्रीय विषयों को उठाएगा।
SC/ST अधिनियम: सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले के खिलाफ दायर केंद्र की समीक्षा याचिका को मंजूरी दी