LAC:गलवान घाटी में उन 20 जवानों की शहादत अब यूं हमेशा के लिए बन जाएगी यादगार
नई दिल्ली- पिछले महीने लद्दाख की गलवान घाटी में देश पर जिन 20 जवानों ने अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे, उनकी यादें हमेशा-हमेशा के लिए यादगार बनाने के लिए एक फैसला लिया गया है। अब उन सभी 20 जवानों के नाम नई दिल्ली स्थित नेशनल वॉर मेरमोरियल में अंकित किए जाएंगे। गौरतलब है कि गलवान की घटना ने भारत और चीन के बीच ऐसा तनाव पैदा किया है, जो कम नहीं हो रहा है। इस बीच खबरें हैं कि भारत वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अतिरिक्त 35,000 जवानों की तैनाती करेगा।
20 जवानों की शहादत ऐसे बनेगी यादगार
15 जून, 2020 की रात पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में शहीद होने वाले भारतीय सेना के जवानों की शहादत अब हमेशा-हमेशा के लिए यादगार बनकर सुरक्षित रखी जाने वाली है। गुरुवार को अधिकारियों ने नई दिल्ली में बताया है कि उन सभी जवानों के नाम नेशनल वॉर मेमोरियल में अंकित किए जाएंगे। उनके मुताबिक वॉर मेमोरियल में शहीद जवानों के नाम अंकित करने में अभी कुछ महीने लगेंगे। बता दें कि पिछले महीने गलवान घाटी में 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संतोष बाबू समेत 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। पिछले पांच दशकों में उस इलाके में हुई ये सबसे बड़ी हिंसक झड़प थी, जो कई घंटों तक चली थी। चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी के जवानों और भारतीय जवानों के बीच खूनी संघर्ष हुआ था। भारत ने इस घटना को चीन की सोची-समझी साजिश का नतीजा बताया है और उसके बाद से पूर्वी लद्दाख के इलाके में दोनों सेनाओं के बीच जो तनाव बढ़ा है, वह अबतक बरकरार है।
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चीन ने आजतक हताहत जवानों की नहीं बताई संख्या
एलएसी पर अपनी छोटी टीम के साथ डीएस्केलेशन प्रॉसेस का जायजा लेने गए कर्नल संतोष बाबू और उनके साथ मौजूद जवानों पर चाइनीज आर्मी ने घात लगाकर पत्थरों, कील लगे भारी डंडों, लोहे के रॉड आदि से अचानक जानलेवा हमला बोल दिया था। दरअसल, भारतीय सेना ने गलवान घाटी के पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 पर चीन की ओर से खड़े की गई एक निगरानी पोस्ट का विरोध किया था और उसे हटा दिया था, इसी के बाद चीनी सैनिकों ने इस तरह धोखे से जानलेवा अटैक किया, जिसमें 65 से ज्यादा भारतीय जवान जख्मी भी हो गए थे। चीनी सरकारी मीडिया ने पीएलए के कमांडिंग ऑफिसर और डिप्टी कमांडिंग ऑफिसर के मारे जाने की बात तो कबूल की थी, लेकिन उसके कितने जवान इसमें हताहत हुए इसकी सही जानकारी चीन आजतक नहीं दे पाया है। लेकिन, अमेरिकी खुफिया एजेंसियो के मुताबिक उस घटना में चीन के 35 से ज्यादा जवान मारे गए थे।
एलएसी पर 35,000 अतिरिक्त जवानों की तैनाती की खबर
आलम ये है कि गलवान घाटी में दोनों सेनाओं के बीच हुई झड़प से माहौल ऐसा बिगड़ा है कि एलएसी पर अबतक तनाव कायम है। गलवान घाटी में तो उस घटना के बाद पीएलए को पीछे हटने को मजबूर होना पड़ा है, लेकिन कुछ इलाकों में उसकी नापाक हरकतें अभी भी जारी हैं। हालांकि चीन की ओर से कहा गया है कि डिएसकेलेशन प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। लेकिन,सच्चाई ये है कि भारतीय सेना अब चीन की खाली बातों पर भरोसा करने के लिए तैयार नहीं है। जानकारी के मुताबिक यही वजह है कि भारत चीन के साथ हिमालय की विवादित सीमाओं पर अतिरिक्त 35,000 जवानों की तैनाती की तैयारी शुरू कर चुका है। बता दें कि भारत और चीन के बीच 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा है और उसमें कई जगहों पर चीन इस समय चालबाजियों में लगा हुआ है।
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