मजदूर संगठनों का दावा, 20 करोड़ लोग सरकार की नीतियों के खिलाफ हड़ताल में शामिल
नई दिल्ली। अलग-अलग मदजूर संगठनों ने आठ और नौ जनवरी को देशभर में हड़ताल का ऐलान किया है। यूनियनों का दावा है कि सरकारी, संगठित और असंगठित क्षेत्र के करीब 20 करोड़ मजदूर और कर्मचारी हड़ताल में शामिल हैं। एनसीआर में अलग-अलग जगहों पर मजदूर संगठनों के विरोध और रैलियों का काफी असर है। एनसीआर में पांच से दस हजार मजदूर और कर्मचारी अलग-अलग जगहों पर अपना विरोध जता रहे हैं।
सीआईटीयू के सेक्रेटरी सिद्धेश्वर प्रसाद शुक्ला ने बताया है कि पुलिस ने मजदूरों को रोकने की कोशिशें की लेकिन वो नाकामयाब रहे और संगठन अपना विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ करीब 20 करोड़ लोग पूरे भारत में सड़कों पर हैं। उन्होंने बताया कि आज भी और कल भी दिल्ली के जंतर मंतर, राम लीला मैदान, मंडी हाउस और दूसरी जगहों पर प्रदर्शन किया जाएगा।
दिल्ली, केरल, ओडिशा, बंगाल और महाराष्ट्र में कई श्रमिक संगठन सड़कों पर हैं और अपनी-अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। संगठनों का कहना है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने श्रमिक कल्याण के कदम उठाने के बजाए दमनकारी नीतिया अपना रही है। ऑल इंडिया किसान सभा के जनरल सेक्रेटरी हन्नान मुल्ला ने बताया है कि एआईकेएस और भूमि अधिकार आंदोलन 8 और 9 जनवरी 2019 को ग्रामीण हड़ताल रेल रोको और मार्ग रोको अभियान चला रहे हैं।
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