लोकसभा: मजदूर अधिकार बिल सदन में पेश, नए दिशा-निर्देश शामिल करने पर होगी बहस
इस विधेयक में एक महत्वपूर्ण प्रावधान किया गया है कि किसी भी कारखाने में महिला कामगार को सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे के अलावा किसी अन्य समय में काम करने की जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी। सुरक्षा संबंधी कुछ शर्तों को पूरा करने पर महिलाएं शाम 7 बजे से सुबह 6 बजे तक कार्य कर सकेंगी।
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इस बिल के कारणों और उद्देश्यों में बताया गया है कि कामगारों के प्रतिनिधियों से विचार-विमर्श के जरिए नियोक्ता के लिए अनिवार्य होगा कि वह कारखानों में आपातकालीन योजना और आपदा नियंत्रण उपायों की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए।
किसी भी कारखाने में कामगारों के लिए आश्रय स्थलों या विश्राम कक्षों और भोजनकक्षों का प्रबंध करना जरूरी होगा, जहां 75 या उससे अधिक कामगार कार्यरत हैं। नए प्रावधान के लिए विधेयक की धारा 47 में संशोधन भी किए गए हैं।
चर्चा के बीच अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि उन्होंने नियम 19बी के तहत मंत्री को 2 दिन की अनिवार्यता संबंधी नियम से छूट प्रदान की है। सदस्यों को अभी अपने संशोधन पेश करने और विधेयक का अध्ययन करने के लिए काफी समय मिलेगा। उम्मीद की जा रही है इससे कामगार वर्ग को विशेष लाभ मिलेगा।