कुणाल कामरा बैन मामला: हाई कोर्ट ने DGCA से पूछा- कार्रवाई करने से पहले क्यों नहीं कराई जांच?
नई दिल्ली। फेमस स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा के फ्लाइट में अभद्रता मामले में नया मोड़ सामने आया है। अपने खिलाफ बैन के बाद दिल्ली हाई कोर्ट का रूख करने वाले कुणाल कामरा की याचिका पर न्यायालय ने मंगलवार को सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने कहा कि नागर विमानन महानिदेशलाय (डीजीसीए) को इंडिगो के अलावा किसी और एयरलाइन कंपनी की कार्रवाई को प्रमाणित नहीं करना चाहिए था। सुनवाई के दौरान कामरा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ताओं विवेक तन्खा, गोपाल शंकरनारायण और मोहित माथुर ने हाई कोर्ट से एयरलाइंस के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
मालूम हो कि इंडिगो की फ्लाइट में कॉमेडियन कुणाल कामरा का एक वीडियो सामने आया था जिसके बाद उन्हें पत्रकार अर्नब गोस्वामी से अभद्रता करने के आरोप में 6 महीने के लिए बैन कर दिया गया था। इंडिगो के अलावा एअर इंडिया, स्पाइसजेट और गोएयर एयरलाइन कंपनियों ने भी उनपर इसी प्रकार का प्रतिबंध लगा दिया था। अपने खिलाफ हुई इस कार्रवाई पर कुणाल कामरा ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
मंगलवार को मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने डीजीसीए को फटकार लगाते हुए कहा कि विमानन संस्था को कार्रवाई शुरू करने से पहले कामरा की शिकायत पर गौर करना चाहिए। न्यायमूर्ति नवीन चावला ने डीजीसीए से पूछा कि वह कुणाल कामरा के खिलाफ की गई कार्रवाई के संबंध में क्या कदम उठाने वाले हैं। बता दें कि अपने खिलाफ की गई कार्रवाई पर कुणाल कामरा ने इंडिगो एयरलाइंस को कानूनी नोटिस भी भेजा था और उनसे 6 महीने का बैन हटाने व 25 लाख रुपए हर्जाने की भी मांग की थी।
कॉमेडियन
कुणाल
कामरा
पर
इसलिए
लगा
है
बैन
बता
दें
कि
स्टैंडअप
कॉमेडियन
कुणाल
कामरा
पर
28
जनवरी
को
मुंबई
से
लखनऊ
जाने
वाली
फ्लाइट
में
कथित
रूप
से
वरिष्ठ
पत्रकार
अर्नब
गोस्वामी
को
परेशान
करने
के
आरोप
लगे
थे।
इसके
बाद
केंद्रीय
मंत्री
हरदीप
सिंह
पुरी
की
सलाह
पर
इंडिगो
और
एयर
इंडिया
समेत
चार
एयरलाइंस
कंपनियों
ने
कुणाल
कामरा
पर
अपने
विमानों
में
यात्रा
करने
पर
रोक
लगा
दी
थी।
इंडिगो
ने
उन
पर
छह
महीने
का
प्रतिबंध
लगाया,
जबकि
दूसरी
कंपनियों
ने
अगले
आदेश
तक
ये
फैसला
लिया
है।
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